आजकल लोगों का रहन सहन बहुत बदल गया है, लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर घुटने की समस्या लोगों में बढ़ती जा रहे हैं।
जहां वो जवां हो या फिर उम्रदराज हो, दोनों ही लोगों में ये समस्या आम देखने को मिल रही है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आजकल हमारी दिनचर्या औऱ बहुत कम शारीरिक गतिविधियों के कारण ऐसा होता है।
घुटने की दर्द से निजात पाने के लिए लोग कई सारे डॉक्टर को दिखाते हैं औऱ कई तरह के आयुर्वेदिक उपचार करते हैं ताकि उनका ये दर्दे खत्म हो जाए, हालांकि ये दर्द इतनी आसानी से आपका पीछा नहीं छोड़ता है।
ऐसे में अगर आपको घुटने में दर्द है तो आप अपने जीवनचर्या में इन योगासन को शामिल कर सकते हैं (Best Yoga for Knee Pain)। अगर दवाइयों के साथ योग को दिनचर्या में शामिल किया जाए,
तो यह घुटनों के दर्द के लिए असरदार हो सकता है। इससे आपके घुटनो को काफी हद तक आराम मिलेगा और कुछ दिनों में आपको काफी राहत मिलेगी।
7 योग घुटनों के दर्द के लिए – 7 Best Yoga for Knee Pain
घुटनों का दर्द छोटी सी समस्या दिख सकती है, लेकिन अगर ये आपको होती है तो इससे होने वाली परेशानी आप ही समझ सकते हैं। घुटनों में सूजन, लालिमा, दर्द और खुजली न सिर्फ आपको शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाती है।
घुटनों का दर्द बेहद सामान्य समस्या है जिससे पूरी दुनिया की 19 फीसदी से ज्यादा आबादी प्रभावित है। इसकी वजह से छोटी इंजुरी से लेकर कई मेडिकल समस्याएं होने तक का खतरा रहता है।
ये दर्द कई बार घुटने के किसी खास हिस्से में होता है या फिर पूरे घुटने में होने लगता है। अगर आप थोड़ी सी भी फिजिकल मूवमेंट करते हैं तो उससे घुटनों का दर्द बढ़ सकता है।
ऐसे में हमें धीमा और नियंत्रित मूवमेंट करने की सलाह दी जाती है ताकि दर्द कम हो। योग भी इसी काम को हल्की स्ट्रेचिंग की मदद से करता है। योग से घुटने हेल्दी और लचीले रहते हैं।
ये घुटनों के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी मदद करते हैं। hindihealthguide के द्वारा बताए गए ये योगासन आपके घुटनों को हेल्दी बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
1. वीरासन (Virasana / Hero Pose – Best Yoga for Knee Pain)

घुटनों के दर्द के लिए योग में शामिल यहां यहां पहला नाम ‘वीरासन’ का है। यह दो शब्दों को मिलकर बना है, ‘वीर’ यानी बहादुर और ‘आसन’ मतलब बैठना। यह संस्कृत भाषा का शब्द है और माना जाता है कि पहले के जमाने में योद्धा युद्ध के बाद इसी मुद्रा में बैठते थे, ताकि वो आराम भी कर सके और चौकन्ने भी रह सकें। इसे अंग्रेजी में ‘हीरो पोज’ कहा जाता है। किसी भी दर्द से लड़ने के लिए व्यक्ति को युद्ध के हीरो की तरह अंदर से मजबूत होना जरूरी है। ऐसे में माना जाता है कि यह योग शरीर और मन दोनों को शक्ति दे सकता है। आगे जानेंगे इसे करने का तरीका।
वीरासन करने का तरीका
- फर्श पर घुटनों के बल बैठ जाएं। पक्का करें कि आपके घुटने आपके हिप्स के ठीक नीचे होंं। अपने हाथों को आराम से घुटनों पर रखें।
- अपने घुटनों को पास लाएं जिससे आपके पैरों के बीच का अंतर अपने आप बढ़ जाएगा। ये अंतर आपके हिप्स की चौड़ाई से ज्यादा होना चाहिए।
- इसके बाद, मजबूती से अपने पैरों के टॉप्स को फर्श की तरफ दबाएं।
- धीरे-धीरे अपने हिप्स को नीचे की तरफ लाएं, जैसे आप चटाई पर बैठने जा रहे हों। अपने पिंडलियों को मोड़ते हुए दूर करें। ध्यान दें कि आपके हिप्स एड़ियों के ठीक बीच में रहें।
- इस बात पर खास ध्यान दें कि वीरासन पर बैठने के दौरान अगर घुटनों में कोई समस्या आए तो इसका अभ्यास तुरंत ही बंद कर दें।
- अपने पैरों की अंगुलियों को बाहर की तरफ निकलने दें। जबकि आपके टखने ऐसी स्थिति में होने चाहिए, जैसे वो घुटनों को बचा रहे हों।
- नाभि को भीतर की तरफ खींचें। जबकि अपनी रीढ़ की हड्डी को खींचते हुए सिर को पीछे की तरफ झुकाने की कोशिश करें।
- वीरासन का अभ्यास 30 सेकेंड तक करें। इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। एक बार आप इस आसन के अभ्यास में दक्ष हो जाएं इसके बाद आप इस आसन का अभ्यास मेडिटेशन के लिए भी कर सकते हैं।
2. मलासन (Malasan Best Yoga for Knee Pain)

योग में वर्णित मलासन एक सरल और लाभदायी आसनों में से एक है। “मलासन“ को इंग्लिश में गारलैंड पोज भी कहा जाता है। इसे बच्चे एवं खेतों में काम करने वाले लोग अनायास ही कर लेते है। पर जिन्हे हमेशा बेंच पर या खुर्सी पर बैठकर काम करना पड़ता है ,उन्हें शुरुवाती समय में थोड़ी असहजता का अनुभव हो सकता है। पर इस बात से निराश होने की कोई आवश्यकता नहीं है ,क्योंकि यही एक योगासन है जिसका अभ्यास करना आपके जीवन को उत्साह से भर देता है।
मलासन करने का तरीका
- मलासन योग करने के लिए सबसे पहले आप फर्श पर एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं।
- अपने दोनों पैरों को दूर-दूर रखें, दोनों पैरों के मध्य 1 से 1.5 फिट की दूरी होनी चाहिए।
- अब अपने दोनों हाथों को उठायें और अपनी छाती के सामने जोड़ लें यानि प्रार्थना की मुद्रा बनायें।
- अब धीरे-धीरे नीचें की ओर बैठ जायं, इस मुद्रा में आप मल त्याग करने वाली स्थिति में आ जायेंगें।
- अपनी जांघों को धड़ यानि शरीर के ऊपरी हिस्से से अधिक चौड़ा रखें।
- साँस छोड़ते और आगे की ओर ऐसे झुकें जैसे आपका धड़ आपकी जाँघों के बीच में फँसा हो।
- दोनों हाथों को इस स्थिति में जोड़ें की कोहनी पर 90 डिग्री का एंगल बन जाएं।
- फिर दोनों हाथों की कोहनी को जांघों के अन्दर रखें, ऐसा करने से आपको अपने धड़ के सामने के भाग का विस्तार करने में मदद मिलेगी।
- इस आसन में आप कम से कम एक मिनिट तक रहें।
- अपनी प्रारंभिक अवस्था में आने के लिए खड़े हो जाएं अपने हाथों को सीधा नीचे लाएं।
3. मकरासन ( Makarasan Best Yoga for Knee Pain)

मकरासन योग को अंग्रेजी में Crocodile Pose के नाम से जाना जाता है। मकरासन नाम संस्कृत के दो शब्दों से लिया गया है, पहला मकर, जिसका अर्थ है मगरमच्छ और दूसरा आसन, जिसका अर्थ है आसन या योग। इस योग का अभ्यास अन्य योग करने के बाद शरीर को आराम देने के लिए भी किया जाता है।
यह आसन आप अपने पूरे मन और शरीर को आराम देने के लिए बहुत ही अच्छा है , इसके साथ ही इसके बहुत सारे लाभ है भी हैं। तो आइये, मकरासन योग के बारे में, विधि, इसकी सावधानी और इसके लाभ के बारे में जानते हैं।
मकरासन करने का तरीका
- अपने पेट के बल फर्श पर लेट जाएं। पैरो को जोड़ कर सीधा रखे।
- अपने कंधों और सिर को उठाएं, अपनी गर्दन सीधी रखें और आगे देखें।
- अब अपने हाथों को मोड़ो और दोनों कोहनी की नोक को जमीन पर लगये।
- अपने सिर को थोड़ा आगे झुकें और अपनी ठुड्डी को अपनी दोनों हाथो की हथेलियों में रखें।
- अपने दाहिने पैर को पीछे की ओर मोड़ कर कूल्हों ले जाये और वापिस सीधा करे। यह प्रक्रिया बाएं के साथ भी करे।
- सामान्य रूप से और धीरे-धीरे सांस लें और अपनी मांसपेशियों को आराम दें।
- जब तक आप पूरी तरह से आराम महसूस न करें तब तक कुछ मिनट आसन में रहें।
- स्थिति से मुक्त होने के लिए, धीरे से अपनी हथेलियों को ठोड़ी से हटाएं, अपने कंधों और सिर को नीचे लाएं।
4. उत्थित पार्श्वकोणासन ( Paarshvakonaasan Best Yoga for Knee Pain)

यह योग घुटनों के दर्द के लिए (Best Yoga for Knee Pain) बहुत फायदेमंद है। योग हमारे जीवन में उस ज्योति की तरह हैं जो होती तो छोटी चीज हैं लेकिन उसका महत्व बहुत बड़ा होता हैं। योग भी उसी तरह काम समय में की जाने वाली क्रिया है, लेकिन इसके फायदे इंसान को रोगमुक्त रखते हैं। योग में कई तरह के आसन होते हैं और इस कड़ी में आज हम आपको जिस आसन की विधि और फायदे बताने जा रहे हैं वो हैं परिवृत्त पार्श्वकोणासन। तो चलिए जानते हैं परिवृत्त पार्श्वकोणासन की विधि और फायदे के बारे में।
उत्थित पार्श्वकोणासन करने का तरीका
- सबसे पहले एक समतल जमीन पर योग मैट बिछा लें।
- अब उस पर सीधे खड़े हो जाएं।
- फिर दोनों पैरों को एक दूसरे से दूर फैला लें।
- दाहिने पैर को शरीर के दाहिनी ओर मोड़ें ताकि पैर के पंजे शरीर से बहरी तरफ हो।
- साँस छोड़ते हुए, दाहिने घुटने को 90 डिग्री मोड़ें और अपने धड़ को आराम से जांघ पर रखें , दाहिने हाथ को दाहिने पैर के बगल में ज़मीन पर रखें।
- साँस लेते हुए , बाईं बाह को सर के ऊपर फैलाएं, इस स्थिति में आपका बाइसेप्स बाएं कान को छूना चाहिए अब आप बाएं हाथ की उंगलियों को देखें।
- सामान्य साँस ले और एक मिनट के लिए मुद्रा को बनाए रखें।
- धीरे-धीरे सांस लें और खड़े हो जाये।
- यही प्रक्रिया अब बाएं तरफ से दोहराएं।
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5. त्रिकोणासन (Trigonasana Best Yoga for Knee Pain)

(Best Yoga for Knee Pain) त्रिकोणासन को त्रिभुजासन भी कहा जाता है। इस आसन को करते समय बनने वाली त्रिभुज की आकृति के कारण ही इस आसन को इसका नाम मिला है। बहुत से अन्य आसनों की तरह ही, त्रिकोणासन का अभ्यास भी खुली आंखों के साथ ही किया जाता है। इस आसन का अभ्यास सुबह खाली पेट करना चाहिए। त्रिकोणासन बिगिनर लेवल का विन्याय योग शैली का आसन है।
त्रिकोणासन करने का तरीका
- दोनों पैरों के बीच 2 से 3 फुट का फासला छोड़कर सीधे खड़े हो जाये।
- दायें पैर (राईट लेग ) को दायी ओर मोड़कर रखे।
- अपने कंधो की उचाई तक दोनों हाथों को बगल में फैलाए।
- अब श्वास ले और दायी ओर (राईट साइड ) झुके। झुकते समय नजर सामने रखे।
- दायें हाथ से दायें पैर को चुने की कोशिश करे।
- बायाँ हाथ (लेफ्ट हैण्ड) सीधा आकाश की और रखे और नजर बायें हाथ की उंगलियों की और रखे।
- अब वापस सीधी अवस्था में लौटकर दूसरी और भी हाथ बदलकर यह अभ्यास करे।
- ऐसे कम से कम 20 बार करे।
- शरीर उठाते समय श्वास अन्दर ले औए झुकते समय श्वास छोड़े।
6. गरुड़ासन ( Garudasan Best Yoga for Knee Pain)

गरुड़ासन आसन की जो बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है। अंग्रेजी में इसे ईगल पोज़ (Eagle Pose) के नाम से भी जाना जाता हैं। यह आसन शरीर में संतुलन बनाने के लिए बहुत ही उपयोगी है। यह आसन करने से कमर, जांघ, पीठ और कंधे के ऊपरी हिस्से में खिचाव महसूस होता है। अगर आप इस आसन को पहली बार कर रहे है तो आपको थोड़ा मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन लगातार अभ्यास करने पर इस आसन को आसानी से किया जा सकता है। आइए अब हम जानते है इस आसन को करने का तरीका और इसके लाभ :-
गरुड़ासन करने का तरीका
- ताड़ासन में खड़े हो जाएँI
- अपने घुटनों को मोड़े और बाएँ पैर को उठा कर दाहिने पैर के ऊपर घुमा लेंI
- ध्यान दें की दाहिना पैर जमीन पर टिका हो और बायाँ जांघ दाहिने जांघ के ऊपर होI बाएँ पैर की उंगलिया जमीन की ओर होनी चाहिएI
- अपने हाथों को सामने की ओर जमीन के समांतर रखते हुए सामने की ओर लायेंI
- दाहिने हाथ को बाएँ हाथ के ऊपर क्रॉस करें और अपने कोहनी को जमीन से ९० डिग्री के कोण में मोड़े I ध्यान दें की हाथों के पिछले हिस्से एक दुसरे की ओर होंI
- धीरे से हाथों को इस तरह घुमाएँ की हथेलियाँ एक दुसरे के सामने आ जाएँI
- हथेलियों को एक दुसरे के ऊपर दबाते हुए उन्हें ऊपर की ओर उठाएंI
- अपनी दृष्टी को स्थिर रखते हुए इसी स्थिती में बने रहें और साँस लेते रहें और छोड़ते रहेंI
- धीरे से हाथों को छोड़े और अपने बगल में ले आएँI
- बाएँ पैर को धीरे से उठाते हुए जमीन पर रखें और पुनः ताड़ासन में आ जाएँI
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7. पार्श्वोत्तानासन (Paarshvottaanaasan Best Yoga for Knee Pain)

पर्श्वोत्तनासन योग अष्टांग विनयसा शैली की अंतिम मुद्रा है। पर्श्वोत्तनासन शब्द तीन शब्दों से मिलकर बना है जिसमें पहला शब्द “पार्श्व” है जिसका अर्थ ‘पक्ष’ है, दूसरा शब्द “उत्ताना” जिसका अर्थ ‘तीव्र खिंचाव’ है और तीसरा शब्द आसन है जिसका अर्थ ‘मुद्रा’ होता है। इस योग में आंशिक रूप से आगे झुकना होता हैं इसलिए यह आसन और के बीच का एक मध्य मार्ग है। पर्श्वोत्तनासन योग को अंग्रेजी में इंटेंस साइड स्ट्रेच (Intense Side Stretch) कहा जाता है। इस योग को पिरामिड पोज़ (Pyramid Pose) भी कहा जाता है क्योंकि यह एक पिरामिड जैसा दिखता है। आइये इस योग आसन को करने की विधि को विस्तार से जानते है।
पार्श्वोत्तानासन करने का तरीका
- ताड़ासन में खड़े हो जायें। हाथों को अपनी पीठ के पीछे नमस्कार मुद्रा में जोड़ लें।
- श्वास अंदर लें और अपने कद के अनुसार पैर 2.5 से 3 फीट खोल लें।
- अपने बायें पैर को 45 से 60 दर्जे अंदर को मोड़ें, और दाहिने पैर को 90 दर्जे बहार को मोड़ें। बाईं एड़ी के साथ दाहिनी एड़ी संरेखित करें।
- धीरे से अपने धड़ को दाहिनी ओर 90 दर्जे तक मोड़ें। ऐसा करने के बाद धड़ को आगे की तरफ झुकाएं। ध्यान रहे की आप कूल्हे के जोड़ों से झुकें ना कि पीठ के जोड़ों से।
- हो सके तो सिर को अपने दाए पैर तक ले जायें। अगर यह मुमकिन ना हो तो जितना बन सके, उतना आगे की तरफ झुकें।
- कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं — 90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें।
- 5 बार साँस लेने के बाद आप आसान से बाहर आ सकते हैं। आसन से बाहर निकलने के लिए साँस अंदर लेते हुए सिर और पीठ को एक साथ उठाते हुए उपर आ जायें, हाथों को कमर पर रख लें और पैरों को वापिस अंदर ले आयें। ख़तम ताड़ासन में करें।
- दाहिनी ओर करने के बाद यह सारे स्टेप बाईं ओर भी करें।
दोस्तों घुटनों के दर्द के लिए ये कुछ योग (Best Yoga for Knee Pain) थे। जिन्हे आप रोज कर सकते है। यदि आप पहली बार योग करने जा रहे है। तो डॉक्टर की सलाह जरूर ले। और आप गलत तरीके से भी योग न करे। यदि आप गलत तरीके से भी योग करते है तो यह आपके लिए नुकसान दायक हो सकता है। इसलिए सही पज़िशन मे योगासन करे।