सूर्य नमस्कार के फायदे और करने का तरीका | Surya Namaskar Benefits

सूर्य नमस्कार के फायदे और करने का तरीका – आज के समय हर कोई व्यस्त जीवन शैली जीता हैं, परिणामस्वरूप, हम अवसाद, तनाव और अन्य मानसिक बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं, सूर्य नमस्कार एक योग तकनीक है जो ऐसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक होती है और आपके दिमाग को शांत करती है।

विज्ञान भी सूर्य नमस्कार आसन से मिलने वाले लाभों को मानता है। सूर्य नमस्कार आपके  भावनात्मक परिपक्वता (Maturity) और मनोवैज्ञानिक कल्याण पर प्रभाव डालता है यह आपके शरीर और दिमाग से तनाव को कम करता है, और आपकी एकाग्रता क्षमताओं में सुधार करता है,

इसके नियमित अभ्यास से फेफड़ों, श्वसन प्रणाली और रक्त परिसंचरण पर सूर्य नमस्कार का सकारात्मक प्रभाव होता है। और यह कई गंभीर बीमारियों को दूर रखने में मदद कर सकता है। इस लेख में हम सूर्य नमस्कार योग क्या है,

यह बताने के साथ-साथ सूर्य नमस्कार के फायदे (Surya Namaskar Benefits) और सूर्य नमस्कार करने का तरीका बता रहे हैं। सूर्य नमस्कार के फायदे पाने के लिए रोजाना इस आसन को करने के साथ ही संतुलित खान-पान भी जरूरी है।

सूर्य नमस्कार क्या है | What Is Surya Namaskar

सूर्य नमस्कार दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें सूर्य का अर्थ सूरज और नमस्कार का अर्थ नमन या प्रार्थना है। यही कारण है कि प्राचीन समय से ही लोग सुबह उठकर सूर्य नमस्कार योगासन से दिन की शुरुआत करने को शुभ मानते हैं। इस योग की प्रक्रिया 12 चरणों में पूरी होती है और हर चरण में एक अलग आसन का अभ्यास किया जाता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि एक ही योग में 12 योगासनों की क्रमबद्ध शृंखला को सूर्य नमस्कार कहा जाता है।

सूर्य नमस्कार के फायदे | Surya Namaskar Benefits

सूर्यनमस्कार योग को करने से सेहत पर कई प्रकार के लाभ नजर आते हैं। सूर्य नमस्कार योगासन के इन्हीं फायदों के बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं

1. वजन घटाने में लाभकारी

सूर्य नमस्कार को सामान्य से तेज गति से करना एक अच्छा कार्डियो व्यायाम माना जाता है जो वजन कम करने में मदद कर सकता है। इससे पेट की मांसपेशियों में खिंचाव होता है, जो पेट के चारों ओर एक्स्ट्रा फैट (अतिरिक्त चर्बी) को कम करने में मदद करता है।

इसके सभी आसनों को करने से आपकी बाहें और पेट (ऐब्स) भी टोंड होते हैं, यह आपके मेटाबॉलिज्म (पाचन शक्ति) को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। यह एक साधारण व्यायाम की तरह लग सकता है लेकिन सूर्य नमस्कार के एक दौर में दो क्रम होते हैं, पहला दाएं तरफ और दूसरा बाईं ओर होता है जो बहुत सारी कैलोरी को बर्न करने में मदद करता है।

2. मांसपेशियों की मजबूती बढ़ाने में लाभकारी

सूर्य नमस्कार के फायदे मांसपेशियों की मजबूती के लिए हो सकता है। दरअसल, इस योग में अपनाए जाने वाले अलग-अलग चरणों का शरीर के अलग-अलग अंगों से जुड़ी मांसपेशियों पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। इस कारण इसका निरंतर अभ्यास मांसपेशियों की गतिविधी बढ़ाकर उनकी कार्यक्षमता में सुधार कर सकता है।

इससे उनमें धीरे-धीरे मजबूती आ सकती है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास मांसपेशियों को मजबूती प्रदान कर शरीर की कार्य क्षमता बढ़ा सकता है।

3. ऊर्जा का संचार होता है

जैसा कि हमने शुरुआत में कहा, सूर्य नमस्कार एक योग मुद्रा है जिसमें 12 लगातार योग किए जाते हैं। इन आसनों की क्रिया शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करती है। साथ ही, योग प्रक्रिया के दौरान प्रत्येक चरण पर सांस लेने की विधि आपकी आंतों की गतिविधि को भी बढ़ाती है।

शरीर की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करती है। रोजाना 10-15 मिनट सूर्य नमस्कार करने से शरीर में कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन बढ़ता हैं। इससे आपके शरीर को ऊर्जा मिलती है जोकि आपको बीमारियों से बचाती हैं।

4. त्वचा और बालों के लिए लाभकारी

सूर्य नमस्कार के फायदे में त्वचा और बाल का स्वास्थ्य भी शामिल है। एक स्टडी के अनुसार, इसे नियमित रूप से करने से त्वचा ताजगी से भरपूर नजर आ सकती है। साथ ही यह स्किन कलर यानी रंगत में सुधार कर सकता है। वहीं, तनाव के कारण होने वाली बालों से जुड़ी समस्याएं को दूर करने में भी यह मददगार साबित हो सकता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, योग ऐसी क्रिया है, जो तनाव को कम करने का काम कर सकती है। इस कारण यह माना जा सकता है कि सूर्य नमस्कार चिंता और तनाव जैसी समस्या को दूर करके बालों को गिरने से कुछ हद तक कम कर सकता है। साथ ही यह स्किन को भी स्वस्थ बनाए रखने में अच्छी भूमिका निभा सकते हैं।

5. पाचन क्रिया में लाभकारी

ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी पाचन क्रिया खराब होती है। जिसकी वजह से ना केवल उनका वजन बढ़ता रहता है बल्कि उनका पेट हमेशा भारी पर रहता है। लेकिन सूर्य नमस्कार (सूर्य नमस्कार के फायदे) करने से शरीर में पाचन ठीक करने वाला रस अधिक बनने लगता है। इससे पाचन शक्ति बेहतर होती है और पेट के अंदर गैस नहीं बनती है। इससे पेट हल्का भी रहता है। 

6. तनाव से राहत दिलाने में लाभकारी

हमारे पास बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें तनाव से राहत की सख्त जरूरत है। कई बीमारियां घर में लगातार काम और तनाव के कारण होती हैं। सूर्य नमस्कार के योग में ध्यान भी हो जाता है और मन को एकाग्र करने की शक्ति भी मिलती है। इसकी वजह तनाव हमारे दिमाग से कोसों दूर रहता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और आपकी दृष्टि को सकारात्मक बनाए रखने में भी मदद करता है।

7. मासिक चक्र नियमित करने में में लाभकारी

अनियमित मासिक चक्र की समस्या को दूर करने में भी सूर्य नमस्कार फायदेमंद हो सकता है। साथ ही मासिक चक्र के दौरान होने वाली समस्याओं, जैसे – थकान, बदन दर्द, दिमागी तनाव व चिड़चिड़ेपन को दूर करना भी सूर्य नमस्कार के फायदे में शामिल है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास करने से मासिक चक्र की प्रक्रिया में सुधार हो सकता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि सूर्य नमस्कार योग मासिक चक्र की निरंतरता को बनाए रखने में सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है।

8.  शरीर को डिटॉक्स करने में लाभकारी

सूर्य नमस्कार आपको एक कुशल साँस लेने और साँस छोड़ने की प्रक्रिया को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे फेफड़े ठीक से हवादार हो जाते हैं और रक्त को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रहने के लिए ताजा ऑक्सीजन प्राप्त होता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य जहरीली गैसों से छुटकारा पाकर शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।

सूर्य नमस्कार मुद्रा करने का तरीका | Steps to Do Surya Namaskar

रोजाना सूर्य नमस्कार (सूर्य नमस्कार के फायदे) करने से एक नहीं अनके फायदे होते हैं, ये तो आपने जान लिया है। लेकिन किसी भी प्रकार का योग या व्यायाम करें, लेकिन इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि उसे सही तरीके से करें।

सूर्य नमस्कार एक आसन न होकर 12 योग आसनों का एक क्रमबद्ध तरीके से किया जाने वाला योग है। इसके 2 चरण किये जाते हैं तब पूर्ण सूर्य नमस्कार पूरा होता है। तो आइए जानते हैं सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम और विधि के बारे में।

1. प्रणामासन

इस आसन के लिए सबसे पहले योग मैट बिछाएं और सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों हाथों को जोड़ते हुए अपने सीने के करीब लाएं और नमस्कार करने की स्थिति में आ जाएं।

2. हस्तउत्तानासन

अब गहरी सांस लेते हुए हाथों को जोड़कर सिर के ऊपर उठाएं। ध्यान रहे कि इस स्थिति में दोनों भुजाएं कानों को छूती रहें। अब कमर से नीचे के हिस्से को सीधे रखते हुए जितना हो सके शरीर के ऊपरी हिस्से को पीछे की ओर ले जाने का प्रयास करें।

3. पादहस्तासन

सांस छोड़ते हुए अब धीरे-धीरे दोनों हाथों को आगे लाते हुए पेट के बल आगे की ओर झुकें और दोनों हाथों को जमीन पर लगाने का प्रयास करें। ध्यान रहे कि इस स्थिति में माथे का पैरों के घुटनों से स्पर्श होना चाहिए।

4. अश्व संचालनासन

अब सांस लेते हुए अपने बाएं पैर पर बैठते हुए दाएं पैर को जितना हो सके पीछे की ओर जमीन पर ले जाते हुए रखना है। ध्यान रहे कि इस स्थिति में दाएं पैर के घुटना का स्पर्श जमीन से होना चाहिए। इस मुद्रा में रहते हुए गर्दन से ऊपर की ओर देखें।

5. पर्वतासन

इस आसन में सांस छोड़ते हुए बाएं पैर को भी पीछे की ओर ले जाना होगा। बाएं और दाएं पैर के पंजों के समानांतर आने के बाद शरीर को बीच से उठाने की कोशिश करें। इस दौरान हथेलियों और पंजे जमीन से सटे हों। ध्यान रहे कि इस स्थिति में हाथ और पैर सीधे रहें।

6. अष्टांगासन

अब पर्वतासन से अष्टांगासन में आने के लिए सबसे पहले गहरी सांस लेनी होगी। इसके बाद दोनों घुटनों को जमीन से लगा लें। अब बिना सांस छोड़े सीने व ठुड्डी से जमीन का स्पर्श करें। इस मुद्रा में कमर और कुल्हे ऊपर आसमान की ओर उठे होंगे।

7. भुजंगासन

इस आसन में अब बिना सांस छोड़े कमर तक के हिस्से को जमीन से सटा लें। फिर कमर से ऊपर के हिस्से को उठाने की कोशिश करें। इस स्थिति में हथेलियां जमीन से सटी होनी चाहिए और गर्दन को ऊपर की ओर करके आसमान की तरफ देखें।

8. पर्वतासन

अब दोबारा पर्वतासन में आना होगा। इसके लिए सांस छोड़ते हुए शरीर के बीच के हिस्से को ऊपर उठाने की कोशिश करें। ध्यान रहे कि इस आसन को करते समय दोनों हाथ सीधे रहें और एडियों का स्पर्श जमीन से हो। साथ ही नाभि की तरफ देखने का प्रयास करें।

9. अश्व संचालनासन

फिर गहरी सांस लेते हुए अपने दाएं पैर को आगे की ओर लाकर उस पर बैठ जाएं। वहीं, बाएं पैर को सीधा रखें और घुटने को जमीन से स्पर्श कराएं।

10. पादहस्तासन

इसके बाद सांस छोड़ते हुए अपने बाएं पैर को आगे की ओर लाएं। अब अपने हाथों को जमीन से सटाएते हुए पैरों को सीधा करें और माथे को घुटनों से छूने की कोशिश करें।

11. हस्तउत्तानासन

अब गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और हथेलियों को आपस में जोड़ते हुए जितना हो सके पीछे की ओर झुकने की कोशिश करें।

12. प्रणाम आसन

अंत में पुनः प्रणाम आसन में आना है। इसके लिए बिल्कुल सीधे होकर हाथों को जोड़ते हुए नमस्कार मुद्रा में आ जाएं।

शुरुआती लोगों के लिए सूर्य नमस्कार करने के टिप्स | Beginner’s Tip to do Surya Namaskar

यदि आप पहली बार सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने जा रहे है, तो आपको कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना होगा।

  • सूर्य नमस्कार हमेशा सूर्योदय के समय सूर्य निकलने वाली दिशा मतलब पूर्व दिशा की ओर मुंह करके करें।
  • इस योगासन के प्रत्येक चरण को बारीकी से समझकर धीरे-धीरे और आराम से करें।
  • सूर्य नमस्कार करने से पहले पेट खाली हो, तो बेहतर होगा।
  • सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर विशेष ध्यान केंद्रित करें।
  • पीछे की ओर झुकने, पैरों को फैलाने और आगे की ओर झुकते वक्त ध्यान रखें कि शरीर पर किसी प्रकार का झटका न आए।
  • सूर्य नमस्कार अपनी क्षमता के हिसाब से करें। मांसपेशियों पर अधिक जोर देने की आवश्यकता नहीं है।
  • किसी ट्रेनर के साथ इसका शुरुआती अभ्यास किया जाए, तो बेहतर होगा।
  • शुरुआत में इस योग को करते समय शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द महसूस होता है, तो इसे करना बंद कर दें।

सूर्य नमस्कार के लिए कुछ सावधानियां | Precautions for Surya Namaskar

सूर्य नमस्कार के अभ्यास से पूर्व कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना जरूरी होता है। इससे सूर्य नमस्कार के नुकसान से बचने में आसानी हो सकती है।

  • गर्भवतियां इस आसन को करने का प्रयास न करें।
  • हर्निया और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इस योगासन को नहीं करना चाहिए।
  • कमर में दर्द होने की स्थिति में सूर्य नमस्कार से परहेज करें।
  • मासिक चक्र के दौरान भी महिलाओं को सूर्य नमस्कार न करने की सलाह दी जाती है।
  • दिल के मरीज इस योग दिनचर्या को शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • यदि आप पीठ की समस्या से पीड़ित हैं, तो अपने किसी योग शिक्षक के मार्गदर्शन में सूर्य नमस्कार का अभ्यास करें।

FAQs

Q. क्या गर्भवती महिला इस आसन को कर सकती है?

A. नहीं, लेकिन इस बारे में आप डॉक्टर से राय लेकर फैसल कर सकते हैं।

Q. क्या पीठ दर्द में यह आसन करना चाहिए?

A. नहीं, पीट दर्द में यह आसन नहीं करना चाहिए।

क्या सूर्या नमस्कार सुबह ही फायदेमंद रहता है?

A. हां, इसके अधिक फायदे आपको सुबह करने पर ही होते हैं।

Q. क्या सूर्य नमस्कार को कभी भी किया जा सकता है?

A. जी हां, सूर्य नमस्कार को कभी भी किया जा सकता है। हां, इसे सुबह खाली पेट करना सबसे प्रभावकारी माना जाता है।

Q. क्या सूर्य नमस्कार को तेजी या धीमी गति से किया जाना चाहिए?

A. सूर्य नमस्कार स्टेप्स को धीमी गति से करना चाहिए।

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