सर्वांगासन करने का तरीका और फायदे Benefits of Sarvangasana

Benefits of Sarvangasana – सर्वांगासन सबसे महत्वपूर्ण और बेनेफिशियल आसनो में से एक हैं, सर्वांगासन को सभी योगासनों की मां या रानी (Mother of all Yoga Poses) कहा जाता है। क्योंकि ये आसन न सिर्फ शरीर बल्कि मन को भी फायदा पहुंचाता है। अगर आप हर रोज इस आसन का अभ्यास करते हैं तो आपके शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी, स्ट्रेंथ और मोबिलिटी बढ़ती है।

शरीर को मजबूत और स्वस्थ बनाने में सर्वांगासन का अभ्यास बेहद फायदेमंद है। यह आसन उन कुछ ही आसनों में से एक है जो पूरे शरीर को स्टिमुलेट करते हैं यानी यह आपके पैर की उंगलियों से लेकर सिर तक हर अंग के लिए फायदेमंद है। शोल्डर स्टैंड पोज़ शरीर के विभिन्न आंतरिक अंगों पर अच्छी तरह से काम करता है और इन अंगों के काम को भी बेहतर करता है।

सर्वांगासन का अभ्यास हर किसी के लिए आसान नहीं होता है और इसे सही तरीके से करने के लिए आपको बहुत प्रैक्टिस की जरूरत होती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में सर्वांगासन क्या है, सर्वांगासन के फायदे (Benefits of Sarvangasana), सर्वांगासन करने का सही तरीका, विधि और सावधानियों के बारे में पूरी जानकारी दूंगा।

सर्वांगासन क्या है | What is Sarvangasana

सर्वांगासन के नाम से पता चलता है – सर्व+अंग+आसन, यानी इस आसन से सभी अंग प्रभावित होते हैं। सर्वांगासन में शरीर उल्टी अवस्था (Inverted Position) में रहता है। माना जाता है कि ऐसे सभी आसन जिनमें शरीर उल्टा रहता है, मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। साथ ही इसे करने के अन्य लाभ भी हैं, जिनके बारे में लेख में आगे विस्तार से बताया गया है। सर्वांगासन करते समय व्यक्ति का सारा वजन उसके कंधों पर रहता है, इसलिए इसे शोल्डर स्टैंड पोज (Shoulder Stand Yoga) भी कहते हैं।

सर्वांगासन करने का समय | Timing of Sarvangasana

इसका अभ्यास हर रोज़ करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह के समय और शाम के समय खाली पेट इस आसन का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं।सर्वांगासन कम से कम 5 मं तक करना चाहिए और सुबह-सुबह खाली पेट करें|एक से पांच मिनट तक का एक सेट और कुल ऐसे दो से तीन सेट करें।

सर्वांगासन के फायदे | Benefits of Sarvangasana

सर्वांगासन के अभ्यास से आपको अनेकों फायदे मिलते हैं, यहाँ आपको कुछ फ़ायदों के बारे में बताया गया है, जो नीचे इस प्रकार है:

1. अवसाद कम करने में फायदेमंद

अवसाद के प्रभाव को कम करने में सर्वांगासन के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि जिन आसनों में सिर नीचे और पैरों को ऊपर किया जाता है, वो अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इन आसनों में सर्वांगासन का भी नाम शामिल है। अवसाद के लक्षणों में मानसिक विकार – जैसे कुछ नुकसान होने का डर व असफलता का डर शामिल है। ऐसे कई लक्षणों को सर्वांगासन की मदद से नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए, कहा जा सकता है कि अवसाद से उबरने में सर्वांगासन एक सहायक भूमिका अदा कर सकता है।

2. थायराइड ग्रंथि

थायराइड गले में मौजूद एक ग्रंथि होती है। यह ग्रंथि मेटाबॉलिज्म और व्यक्ति के विकास में सुधार के लिए हार्मोन बनाने का काम करती है। कई बार इस पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव थायराइड संबंधी समस्याओं जैसे – हाइपर थायरॉयडिज्म (थायराइड द्वारा अधिक हार्मोन का उत्पादन) और हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड द्वारा पर्याप्त हार्मोन का न बन पाना) को उत्पन्न कर देते हैं। यहां भी सर्वांगासन के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ चुनिंदा योगासन थायराइड ग्रंथि से जुड़ी समस्याओं के वैकल्पिक उपचार में मदद कर सकते हैं। इस आसनों में सर्वांगासन को भी शामिल किया गया है। हालांकि, यह कितना कारगर होगा, इस पर अभी सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

3. चेहरे की झुर्रियां में फायदेमंद

इस आसन के अभ्यास से चेहरे की झुर्रियां खत्म होकर चेहरा तरो ताजा दिखने लगता है झुर्रियां आना मतलब बुढ़ापे की दस्तक। हालांकि झुर्रियां आना बायोलॉजिकल प्रोसेस है लेकिन आजकल त्वचा की सही देखभाल न होने पर समय से पहले ही झुर्रियां नज़र आने लगती हैं। या फिर प्रदूषण, तनाव, गलत खानपान और जीवनशैली की समस्याओं का भी नतीजा हो सकती हैं।

 4. पाचन शक्ति बढ़ाने में फायदेमंद

सर्वांगासन के अभ्यास से पाचन सुधरता और कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। भोजन के सही पाचन से रोजमर्रा के जीवन को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आंत से जुड़ा विकार) को नियंत्रित करने का काम भी कर सकता है, जिसमें कब्ज जैसी समस्या भी शामिल है।

5. मनोविकार दूर करने में फायदेमंद

इस आसन के अभ्यास से सभी प्रकार के मनोविकार दूर होते हैं। इसलिए इस आसन का अभ्यस प्रतिदिन करना चाहिए। मनोविकार (Mental disorder) किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य की वह स्थिति है जिसे किसी स्वस्थ व्यक्ति से तुलना करने पर ‘सामान्य’ नहीं कहा जाता। स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में मनोरोगों से ग्रस्त व्यक्तियों का व्यवहार असामान्‍य अथवा दुरनुकूली (मैल एडेप्टिव) निर्धारित किया जाता है और जिसमें महत्‍वपूर्ण व्‍यथा अथवा असमर्थता अन्‍तर्ग्रस्‍त होती है। इन्हें मनोरोग, मानसिक रोग, मानसिक बीमारी अथवा मानसिक विकार भी कहते हैं।

6. नींद और चिंता को कम करता है

चिंता को दूर करने और नींद को बढ़ावा देने में भी सर्वांगासन के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, इस आसन का नियमित अभ्यास चिंता, अवसाद और तनाव जैसी समस्याओं को दूर करने का काम करता है, जिसका सकारात्मक प्रभाव नींद को बढ़ावा देने का काम कर सकता है। हालांकि, यह आसन सीधे तौर पर किस प्रकार काम करता है, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

7. शरीर मजबूत बनाने में फायदेमंद

इस आसन के अभ्यास से शरीर मजबूत बनता है| हमारे शरीर को विटामिन, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट ही नहीं, थोड़ी मात्रा में ही सही, खनिज तत्वों की भी जरूरत पड़ती है। आयरन यानी लोहा ऐसा ही खनिज है, जिसके बिना शरीर का काम नहीं चलता। और ये सभी चींजें इस आसन में उपलब्ध होती हैं।

8. दिमाग को तेज करने में फायदेमंद

जिन बच्चों की बुध्धि में विकास नही होता ही उन्हें यह आसन नियमित रूप से करना चाहिए। क्योंकि ये बौद्धिक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। इंसान की बौद्धिक क्षमता के स्तर पर जीनों का प्रभाव पड़ता है।

9. वजन काम करने में फायदेमंद

सर्वांगासन वजन कम करने में सहायक है। सर्वांगासन के अभ्यास से पेट, हिप्स, जांघों और नितंबों के चारों तरफ जमा हुआ फैट हटाने में मदद मिलती है। 

 10. स्वास्थ्य फिट रहता है

इस आसन के अभ्यास से पूरा शरीर फिट और active रहता है और व्यक्ति काम से थकता भी नही है। स्वास्थ्य का अर्थ विभिन्न लोगों के लिए अलग-अलग होता है। लेकिन अगर हम एक सार्वभौमिक दृष्टिकोण की बात करें तो अपने आपको स्वस्थ कहने का यह अर्थ होता है कि हम अपने जीवन में आनेवाली सभी सामाजिक, शारीरिक और भावनात्मक चुनौतियों का प्रबंधन करने में सफलतापूर्वक सक्षम हों।

सर्वांगासन योग अन्य फायदे – Others Benefits of Sarvangasana

  • दमा, मोटापा, दुर्बलता इत्यादि बिमारी ठीक हो जाती हैं।
  • रक्त शुद्धि, मस्तिष्क एवं फेफड़ों की पुष्टि के लिए बहुत उपयोगी है।
  • मस्तिष्क में खून का संचार होता है और दिमाग भी तेज होता है।
  • इस आसन को करने से दिल को मजबूत और बीमारियां को दूर रखा जा सकता है।
  • इस आसन को करने पर  फेफड़ों को मजबूत और स्वस्थ रखा सकता है।
  • इसके निरंतर अभ्यास इम्यूनिटी बढ़ाता है, जिससे रोगों में लड़ने की क्षमता भी बढ़ जाती है।
  • महिलाओं की मासिक धर्म और गर्भाशय से होने वाली समस्याओं को ठीक करता है।
  • कंधे और पीठ दोनों मजबूत होते हैं।
  • यह त्वचा रोगों को ठीक करता है।
  • दमा और कफ समस्या में लाभ होता है।
  • सरीर के सभी कार्यों को नियंत्रित करता है।

सर्वांगासन योग मुद्रा करने का तरीका | Steps to do Sarvangasana

नीचे दिए गए आसान और सिंपल स्टेप्स को फॉलो करके आप सर्वांगासन का अभ्यास कर सकते हैं-

  • सबसे पहले स्वच्छ वातावरण में एक योग मैट बिछा लें।
  • अब मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और दोनों हाथों को शरीर से सटाकर सीधा कर लें।
  • अब सांस लेते हुए पैरों, कूल्हों और कमर को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।
  • साथ ही हाथों से कमर को सहारा देते हुए कोहनियों को जमीन से सटा लें।
  • ध्यान रहे कि आपके दोनों पैर आपस में सटे और सीधे रहें।
  • इस दौरान आपके शरीर का भार कंधों, कोहनियों और सिर पर होगा।
  • साथ ही आपकी ठुड्डी छाती को स्पर्श करेगी।
  • कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • फिर धीरे-धीरे वापस अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

सर्वांगासन करते वक्त बरतें ये सावधानियां | Precautions for Sarvangasana

  • उच्च रक्तचाप वाले लोगों को इस आसन का अभ्यास करने से बचना चाहिए।
  • मासिक धर्म के दौरान इस आसन का अभ्यास ना करें बचना चाहिए।
  • रीढ़ की समस्याओं का अनुभव करने वाले लोगों को इस आसन को छोड़ देना चाहिए।
  • यह आसन इंटेंस थायरॉयड समस्याओं, रेटिना की समस्याओं, गर्दन से जुड़ी परेशानियों, मोतियाबिंद और कंधे की चोट जैसे मामलों में नहीं किया जाना है।
  • अगर आप स्लिप डिस्क, स्पोंडिलोसिस, केशिका (capillary), हृदय से जुड़ी समस्याएं आदि से जूझ रहे हैं तो इस आसन को करने से बचें।

शुरुआती लोगों के लिए सर्वांगासन करने के टिप्स | Beginner’s Tip to do Sarvangasana

इस आसन को पहली बार करने जा रहे व्यक्ति नीचे बताई जा रही बातों को ध्यान में जरूर रखें –

  • किसी योग गुरु या अनुभवी व्यक्ति की देखरेख में इस आसन को करें।
  • अपने शरीर के साथ कोई जबरदस्ती न करें।
  • पैरों को धीरे-धीरे ऊपर ले जाएं।
  • गर्दन का खास ख्याल रखें। सर्वांगासन करने का तरीका ऐसा हो कि आपका वजन कंधों पर हो गर्दन पर नहीं।

उम्मीद है कि अब आप स्वास्थ्य के लिए सर्वांगासन के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं, इससे भलिभांति परिचित हो गए होंगे। इस आर्टिकल में बताई गईं सावधानियों का भी पूरा ध्यान रखना जरूरी है। और किसी भी गंभीर शारीरिक समस्या के लिए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। इसके अलावा, इस आसन से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के जरिए हमसे पूछ सकते हैं।

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