मेडिटेशन करने का तरीका, फायदे और नियम | Meditation Benefits and Tips in Hindi

Meditation Benefits – हर इंसान की ज़िंदगी मे सफलता – विफलता, खोना – पाना, सुख – दुख के दौर आते जाते रहते  है। कई लोग इसका डट कर सामना करते है तो कई घबराकर हार मान लेते है। exams के समय देखा जा सकता है की किस तरह से बच्चे तनाव से जूझते है और उनके दिमाग मे तरह तरह के नकरात्मक विचार आते है।

कमजोर दिल  वाले बच्चो मे आत्महत्या जैसे विचार भी देखे जा सकते है। कई लोग छोटी से बीमारी मे हार मान लेते है तो कई इन मुश्किल परिस्थितयो मे भी अपना कंट्रोल नहीं खोते। ऐसा क्यो होता है की एक ही परिस्थिति मे दो लोग अलग अलग  तरीके से react  करते है।

विज्ञान के अनुसार ऐसा इंसान के immune system की वजह से होता है। कमजोर हृदय वाले लोगो का immune system कमजोर होता है जिसकी वजह से ऐसे लोग टेंशन, बीमारी और दूसरी परिस्थितियो मे जल्दी घबरा जाते है। ऐसे लोगो के लिए सबसे बड़ा इलाज है।

मेडिटेशन (Meditation) यानी की ध्‍यान सिर्फ आध्यात्मिक से ही नहीं विज्ञान से भी जुड़ा है । वैज्ञानिक शोधों (रिसर्च) के जरिये इन बातों की पुष्टि हुई है कि रोजाना मेडिटेशन करने वाले लोगो का स्वास्थ्य बेहतर रहता है और याद्दाश्‍त बढ़ती है। और आज हम इस आर्टिकल में मेडिटेशन कतरने का तरीका और मेडिटेशन के फायदे (Meditation Benefits) विस्तार से बताएंगे।

मेडिटेशन क्या है | What is Meditation Benefits in Hindi

कुछ लोग मेडिटेशन को योग की तरह ही समझते हैं लेकिन आपको बता दें कि दोनों में काफी अंतर है। योग शरीर की कसरत है और मेडिटेशन, दिमाग की कसरत। मेडिटेशन का अर्थ होता है, एकाग्र भाव से ध्यान लगाना, जिसका उद्देश्य होता है मनुष्य को आत्मिक शांति प्रदान करना। ध्यान (Meditation) एक प्रकार की क्रिया है।

जिसमें इंसान अपने मन को चेतन की एक विशेष अवस्था में लाने की कोशिश करता है। इसमें अपने मन को शांति देने से लेकर आंतरिक ऊर्जा (Energy) या जीवन- शक्ति का निर्माण करना हो सकता है, जो हमारी जिंदगी मे सकरात्मकता और खुशहाली लाती है।

इसकी साहयता से कोई भी इंसान अपने उद्देश्य पर अपना ध्यान केंद्रित करके अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकता है। मेडिटेशन का चलन अभी हाल- फिलहाल में नहीं आया है बल्कि आदिकाल से लोग इसका इस्तेमाल शांति और एकाग्रता बढ़ाने के लिए करते आ रहे हैं।

मेडिटेशन कैसे करें | How to Meditate in Hindi

ध्यान लगाना (Meditation Benefits)हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है, लेकिन कई लोगों में मेडिटेशन को लेकर सवाल उठता है कि आखिर मेडिटेशन कैसे करें। बता दें मेडिटेशन करने के तरीके में कुछ खास नियम शामिल हैं। इन्हें ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इन्हें अपनाकर आप मेडिटेशन की शुरुआत कर सकते हैं।

  • बैठने की प्रक्रिया- सबसे पहले आप वज्रासन, सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं। बैठने की स्थिति में ध्यान रहे कि आपकी रीढ़ सीधी रहे, ताकि आप सही से सांस ले सकें। वहीं, अगर आप किसी वजह से इन आसनों में बैठ पाने में समर्थ नहीं हैं, तो कुर्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • आराम की अवस्था- सबसे पहले अपने पूरे शरीर को आराम की अवस्था में ले जाएं। पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें, ताकि सभी मांसपेशियों को आराम मिल सके। इस प्रक्रिया को पैरों से शुरू करके अपने चेहरे तक लाएं। सुनिश्चित करें कि पूरा शरीर आराम की अवस्था में हो।
  • सांस लेना- आराम की अवस्था को हासिल करने के बाद अपने सांस लेने की प्रक्रिया पर ध्यान दें। अपने शरीर को प्राकृतिक रूप से सांस लेने के लिए प्रेरित करें। इसके बात धीरे-धीरे गहरी सांस लें और फिर उसे उसी प्रकार बाहर निकालें। ध्यान के लाभ को हासिल करने के लिए इस क्रिया को पूरे मन से कई बार दोहराएं।
  • किसी एक बिंदु पर ध्यान केन्द्रित करें- तीसरे चरण में अब अपना ध्यान किसी एक बिंदु पर केंद्रित करने का प्रयास करें। इसके लिए आप अपनी आत्मा या अंतर्मन पर ध्यान केंद्रित करें। इसके लिए आप एक से पांच तक गिनती करें। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराएं। वहीं, आप किसी ऐसी चीज या विचार पर भी ध्यान केंद्रित करने का प्रयास कर सकते हैं, जो आपको सुख का अनुभव देता हो।
  • सकारात्मक रवैया अपनाएं- अगर आप पहली बार मेडिटेशन कर रहे हैं, तो संभव है कि आपका मन बार-बार अन्य विचारों की ओर जाएगा। इस कारण जरूरी होगा कि मन में संतुलन की अवस्था को बनाने की कोशिश करें और मन को भटकने न दें। अगर मन किसी कारण भटक जाए, तो उसे दोबारा केंद्रित करने का प्रयास करें।
  • भ्रम जाल से बचाव- नींद आना, खुजली का होना, भावनाओं का अनुभव, दिवास्वप्न (जागते हुए सपने देखना), कई प्रकार के विचारों का लगातार आना और जाना आदि कुछ ऐसे भ्रम जाल हैं, जो मेडिटेशन को तोड़ने का काम करते हैं। इसलिए, जरूरी होगा कि आप अपने मन को समझाएं कि यह केवल आपको विचलित करने वाले कारक है, जो आपके मेडिटेशन के रास्ते में रोड़ा बन सकते हैं। इनसे बचने का प्रयास करें और मन को एकाग्र करें। इन सभी बाधाओं को पार करने के बाद ध्यान की चरम सीमा को हासिल कर सकते हैं। यहां तक पहुंचने के लिए नियमित अभ्यास की जरूरत होती है।

मेडिटेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अपनी हथेलियों को रगड़कर आंखों पर लगाएं। उसके बाद धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलकर ध्यान की अवस्था से बाहर आएं और अपनी हथेलियों को देखें।

मेडिटेशन के प्रकार | Types of Meditation in Hindi

मेडिटेशन भी कई तरह के किये जाते हैं। लेकिन हर तरह के मेडिटेशन को करने का उद्देश्य संतुष्टि, मानसिक शांति, एकाग्रता और प्रसन्नता प्राप्त करना ही होता है। वैसे तो मेडिटेशन के कई प्रकार होते हैं लेकिन हम यहां आपको मेडिटेशन के कुछ मुख्य प्रकारों के बारे में बताने जा रहे हैं।

1. ज़ेन मेडिटेशन (Zen meditation) 

ज़ेन मेडिटेशन बौद्ध परंपरा का एक हिस्सा है। इसका अभ्यास एक ट्रेंड प्रोफेशनल के मार्गदर्शन में करना चाहिए। इसके अभ्यास में कुछ विशेष स्टेप्स और आसन शामिल होते हैं। यह आपके दिमाग को तेज़ करने में मदद करता है और आपको तनाव दूर करके रिलैक्सेशन प्रदान करता है।

 2. विपश्यना मेडिटेशन

ध्यान का यह तरीका सबसे प्राचीन माना गया है। बताया जाता कि ध्यान के इस तरीके को करीब 2500 साल पहले महात्मा बुद्ध ने प्रचारित और प्रसारित किया गया था। मेडिटेशन का यह प्रकार आज व्यापक रूप से उपयोग में लाया जाता है। इसकी सहायता से मनुष्य अपने मन के भीतर झांक कर खुद को समझने की कोशिश करता है। इसकी सहायता से मनुष्य अपने विचारों व भावनाओं को नियंत्रित करने के साथ सही और गलत में फर्क करने की क्षमता को विस्तार देने में समर्थ होता है।

3. अध्यात्मिक मेडिटेशन (Spiritual meditation)

हिंदू और ईसाई धर्म में पॉपुलर, आध्यात्मिक ध्यान आपको अपने ईश्वर के साथ एक गहरा संबंध बनाने में मदद करता है। इस ध्यान का अभ्यास करने के लिए आपको इतना सुनिश्चित करना है कि आप मौन में बैठें और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। ध्यान करते हुए आप का हर एक विचार आपकी सांसों पर केंद्रित होना चाहिए।

4. कुंडलिनी योग ध्यान (Kundalini yoga)

कुंडलिनी योग ध्यान का एक प्रकार है जिसमें आप शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं। इसमें गहरी सांस लेने और मंत्रों का उच्चारण करने के साथ-साथ कई मवमेंट्स भी शामिल होते हैं। इसके लिए आपको आमतौर पर क्लास लेने की आवश्यकता होती है या फिर आप किसी प्रशिक्षक से सीख सकते हैं। हालांकि, आफ घर पर भी आसन और मंत्र सीख सकते हैं।

5. मंत्र मेडिटेशन (Mantra Meditation)

मंत्र एक संस्कृत शब्द है जो दो शब्दों से मिलकर बना है मन (man) जिसका अर्थ है “मस्तिष्क” या “सोचना” और त्राइ (trai) जिसका अर्थ है ”रक्षा करना” या ”से मुक्त करना”। इसलिए मंत्र का मतलब है अपने मन को मुक्त करना या सोच को मुक्त करना। मंत्र मेडिटेशन का अभ्यास आपके मन को नेगेटिव विचारों से दूर करके इसे सकारात्मकता की ओर ले जाता है।

6. राजयोग मेडिटेशन

ध्यान के इस प्रकार का उल्लेख सबसे पहले श्रीमद्भगवत गीता में किया गया था। वहीं, 19वीं शताब्दी में स्वामी विवेकानंद ने इस प्रकार को प्रचारित और प्रसारित किया। ध्यान का यह प्रकार आपको शांत रहने और खुद का निरीक्षण करने में मदद करता है। इससे आपके व्यक्तित्व में गंभीरता का भाव पनपता है। इस योग की खास बात यह है कि इसमें किसी प्रकार के मंत्रों का उपयोग नहीं किया जाता। योग की इस प्रक्रिया में आप अपनी आंखें खुली रख कर ध्यान लगा सकते हैं।

 7. ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन

मेडिटेशन के इस प्रकार में मनुष्य अपने भीतर यानी अचेतन मन में झांकने का प्रयास करता है। इसके लिए किसी खास मंत्र का उपयोग भी किया जा सकता है। यह आपको भौतिक बाधाओं (दुख, सुख, खुशी और गम) से दूर ले जाकर अपने अस्तित्व का एहसास कराता है। जो आपको यह समझने में मदद करता है कि भौतिक चीजों का दुनिया में कोई भी मोल नहीं हैं।

8. फोकस मेडिटेशन

ध्यान का यह प्रकार विपश्यना मेडिटेशन के अंतर्गत ही आता है। इसमें व्यक्ति किसी मूर्ती, वस्तु या फिर अपनी अंतरात्मा पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करते हैं। इस प्रक्रिया को नियमित अपनाने से इंसान का दिमागी विकास होता है। साथ ही किसी काम को केंद्रित होकर करने की क्षमता पैदा होती है।

 9. मूवमेंट मेडिटेशन

मेडिटेशन का यह प्रकार माइंडफुलनेस मेडिटेशन के अंतर्गत आता है। बता दें कि ध्यान के इस प्रकार में किसी एक कार्य को लक्ष्य मानकर प्रयास किया जा सकता है। इसे हठ योग भी कहा जा सकता है। मेडिटेशन की यह प्रक्रिया किसी विशेष कार्य की पूर्ति होने तक उस पर आपका ध्यान केंद्रित करने में आपकी मदद करती है। ध्यान के इस प्रकार की खास बात यह है कि इसे चलते-फिरते किया जा सकता है।

10. माइंडफुलनेस मेडिटेशन (Mindfulness meditation)

माइंडफुलनेस मेडिटेशन का ध्यान का एक रूप है जो अभ्यास करने वाले व्यक्ति को वर्तमान में जागरूक और उपस्थित रहने में मदद करता है। इस मेडिटेशन के अभ्यास से आप खुद को सचेत और सतर्क बना सकते हैं। इसके अभ्यास के दौरान आप अपने आस-पास हो रही सभी गतिविधियों, ध्वनियों और महक पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसका अभ्यास कहीं भी, कभी भी किया जा सकता है।

मेडिटेशन के फायदे | Benefits of Meditation in Hindi

1. तनाव में कमी – तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन हमारी काफी मदद करता है। आमतौर पर मानसिक और शारिरिक तनाव हार्मोन के स्तर में वृद्धि का कारण होता है। तनाव हमारे शरीर में कई हानिकारक प्रभाव पैदा करता है जिसके कारण हमारी नींद, उदासी, चिंता और रक्तचाप पर प्रभाव पड़ता है। लेकिन मेडिटेशन तनाव से संबंधित स्थितियों में सुधार करता है, जिसमें इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम, स्ट्रेस डिसऑर्डर शामिल हैं।

2. चिंता को नियंत्रित करता है – मेडिटेशन करने से चिंता विकारों के लक्षण कम होते हैं, जैसे फोबियास और घबड़ाहट के दौरे। मेडिटेशन चिंता को दूर करने में मददगार होता है। मेडिटेशन मन को शांत करने में काफी लाभकारी माना जाता है।

3. आत्म-जागरूकता को बढ़ाता है – मेडिटेशन के कुछ रूपों से आपको अपने आप को एक मजबूत समझ विकसित करने में मदद मिल सकती है, जिससे आप अपने सबसे अच्छे स्व में विकसित हो सकते हैं।

4. नींद में सुधार करता है – ज्यादातर लोग नींद न आने की वजह से काफी परेशान रहते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक पता चला कि जो लोग मेडिटेशन करते हैं वह अच्छी नींद लेने में सफल हो सकते हैं। मेडिटेशन में कुशल बनने से आपको रेसिंग या भागने के विचारों को नियंत्रित करने या पुनर्निर्देशित करने में मदद मिल सकती है जो अक्सर नींद न आने का कारण बनते हैं। मेडिटेशन आपके शरीर को आराम देने, तनाव मुक्त करने और आपको एक शांतिपूर्ण स्थिति में रखने में मदद कर सकता है।

5. ह्रदय स्वास्थ्य – मेडिटेशन को ह्रदय स्वास्थ्य से संबंधित सभी जोखिम कारकों जैसे :- तनाव, चिंता और ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक माना गया है।

6. दिमागी विकास – मेडिटेशन दिमागी विकास के लिए भी काफी लाभकारी माना जाता है। कारण यह है कि इसकी सहायता से तनाव, चिंता और अवसाद जैसे दिमागी विकारों से छुटकारा मिलता है। इनसे बचाव के साथ दिमाग के कार्य करने की क्षमता प्रबल हो जाती है।

7. ध्यान अवधि बढ़ती है – मेडिटेशन करने से ध्यान अवधि बढ़ती है। उदाहरण के लिए, आठ सप्ताह के एक मैडिटेशन अध्ययन में पाया गया कि प्रतिभागियों की ध्यान लगने की क्षमता में सुधार हुआ है । यहां तक कि एक छोटे समय के लिए मेडिटेशन का अभ्यास भी आपको लाभ पहुंचा सकता है।

8. ब्लड प्रेशर – मेडिटेशन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का भी एक उत्तम उपाय माना जाता है। कारण यह है कि इसका उपयोग दिमागी शांति प्रदान करता है। साथ ही शरीर में रक्त प्रवाह को भी नियंत्रित करने का काम करता है। ये दोनों ही ब्लड प्रेशर से संबंधित जोखिम कारक हैं, इसलिए इसके नियमित उपयोग से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी सहायता मिलती है।

9. उम्र से संबंधित स्मृति हानि को कम कर सकता है – मेडिटेशन करने से आप अपने ध्यान में सुधार और सोचने की स्पष्टता आपके दिमाग को युवा रखने में मदद कर सकती है। उम्र से संबंधित स्मृति हानि वाले लोगों में अध्ययन से पता चला है कि यह न्यूरोसाइकोलॉजिकल परीक्षणों पर प्रदर्शन में सुधार कर सकता है।

मेडिटेशन (ध्यान) के टिप्स | Meditation Tips in Hindi

1. सही समय

मेडिटेशन वास्तव में विश्राम का समय है, इसलिये इसे अपनी सुविधा के अनुसार करें। ऐसा समय चुना चाहिए जब एकांत हो और आपको किसी प्रकार की जल्दी नहीं हो। सूर्योदय और सूर्यास्त का समय जब प्रकृति दिन और रात में परिवर्तित होती है, यह समय ध्यान का अभ्यास करने लिये सबसे आदर्श है। अगर आप मेडिटेशन करने की सोच रहे हैं, तो सुबह 6 से 7 बजे के बीच का समय चुनाव के लिए बेहतर माना जा सकता है।

2. शांत वातावरण

सुविधाजनक समय के साथ सुविधाजनक स्थान को चुने जहां आप को कोई परेशान न कर सके। शांत और शांतिपूर्ण वातावरण ध्यान के अनुभव को और अधिक आनंदमय और विश्रामदायक बनाता है।

3. आरामदायक कपड़ों का चयन

मेडिटेशन में कपड़ों का चुनाव भी अहम भूमिका निभाता है। कारण यह है कि अगर आप चुस्त कपड़ों का चयन करते हैं, तो वह आपके ध्यान को भटकाने का काम कर सकते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि इस दौरान हल्के और आरामदायक कपड़ों को इस्तेमाल में लाया जाए। 

4. आराम से बैठें

मेडिटेशन के समय सुखद और स्थिर बैठना बहुत आवश्यक है। आप मेडिटेशन करते समय सीधे बैठें और रीड की हड्डी सीधी रखे, अपने कंधे और गर्दन को विश्राम दे और पूरी प्रक्रिया के दौरान आँखे बंद ही रखें। मेडिटेशन करते समय आप आराम से चौकड़ी मार कर (आलती-पालती) बैठ सकते हैं, पद्मासन में बैठने की आव्यशकता नही है। मेडिटेशन की शक्ति को अनुभव करें।

5. पेट खाली होना

भोजन से पहले समय ध्यान के लिए अच्छा होता है। भोजन के बाद में आप को नींद लग सकती है। जब आप को काफी भूख लगी हो तो ध्यान करने का अधिक प्रयास न करें। भूख की ऐंठन के कारण आपको इसे करने में कठिनाई होगी और हो सकता है कि पूरे वक्त आप सिर्फ खाने के बारे में सोचे। ऐसें में आप भोजन के दो घंटे उपरांत ध्यान कर सकते हैं।

6. वार्म अप

मेडिटेशन के पहले थोड़ी देर का वार्मअप या सूक्ष्म योग करने से आपके रक्त परिसंचरण में सुधार होता है, शरीर की जड़ता और बैचेनी दूर होती है और शरीर में हल्कापन महसूस होता है। इससे आप स्थिरता के साथ अधिक समय बैठ सकते है।

6. गहरी सांस

मेडिटेशन के पहले गहरी सांस लेना और छोड़ना और नाड़ी शोधन प्राणायाम करना अच्छा होता है। इससे सांस की लय स्थिर हो जाती है और मन शांतिपूर्ण ध्यान अवस्था में चला जाता है।

7. चेहरे पर मुस्कान

अपने चेहरे पर सौम्य मुस्कान लाने से आप अपनेआप में फर्क महसूस करेंगे। एक निरंतर सौम्य मुस्कान से आप आराम औए शांति महसूस करेंगे और यह आपके मेडिटेशन के अनुभव को बढ़ाता है।

मेडिटेशन के लिए कुछ सावधानियां | Precautions for Meditation In Hindi

  • मेडिटेशन लगाते समय अपनी सांस को नियंत्रित रखें। अचानक से कम और तेज न करें।
  • मेडिटेशन हमेशा ढीले वस्त्र पहनकर ही करें तो बेहतर रहेगा।
  • मेडिटेशन करने के लिए सूर्योदय से पहले और रात के भोजन से पहले का समय बेहतर रहता है।
  • मेडिटेशन को समाप्त करने के लिए जल्दबाजी न करें, धीरे- धीरे सामान्यावस्था में आना चाहिए।
  • आप चाहें तो मेडिटेशन के समय कुछ सुगंधित फूल और धूप या अगरबत्ती भी रख सकते हैं।
  • कोशिश करें कि मेडिटेशन के समय आपका पेट खाली हो।
  • मेडिटेशन करते समय अपने चेहरे पर मुस्कुराहट बनाए रखें, इससे आपको खुशी का अनुभव होगा।
  • मेडिटेशन के समय आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए, कंधे तने और सीना बाहर की ओर निकला हुआ होना चाहिए।

मेडिटेशन क्या होता है, अब तो आप इस बारे में अच्छे से जान ही गए होंगे। साथ ही आपको इससे संबंधित लाभों के बारे में भी पूरी जानकारी हासिल हो गई होगी। आर्टिकल में आपको ध्यान के प्रकार और उनसे जुड़ी सभी खास बातों को भी समझाया जा चुका है।

वहीं, आपको इसे करने के तरीकों से जुड़ी जानकारी भी दी जा चुकी है। ऐसे में अगर आप भी मेडिटेशन को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने के बारे में सोच रहे हैं, तो पहले आर्टिकल में बताई गई सभी बातों को ध्यान से पढ़ें। उसके बाद ही उन्हें अमल में लाएं।

आशा करते हैं, कि यह आर्टिकल आपकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर कर स्वस्थ जीवन जीने में आपकी सहायता करेगा। इस विषय में किसी अन्य प्रकार के सुझाव और सवालों के लिए आप हमसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते हैं।

मेडिटेशन से जुड़े कुछ पूछे जाने वाले सवाल

Q. क्या मेडिटेशन बिना किसी ट्रेनर के घर पर किया जा सकता है ?

A. जी हां, बेशक आप मेडिटेशन बिना किसी ट्रेनर के घर पर कर सकते हैं। घर पर मेडिटेशन शुरू करने के लिए आपको चाहिए होगा शांतिपूर्ण और साफ- सुथरा कमरा। अपनी रीढ़ को, बिना शरीर पर दबाव डाले, सीधा रखें, जमीन पर चौकड़ी यानि पालथी मारकर सीधे बैठें और एकाग्र मन से ध्यान लगाएं।

Q. ध्यान में जाने पर शरीर में कंपन होते हैं, क्या करें ?

A. ध्यान में झटके लगना या शरीर में कंपन होना इस बात का संकेत है कि आप ध्यान सही से नहीं लगा रहे हैं। दरअसल, ध्यान के दौरान जो ऊर्जा जागृत की है, वो सहसत्रात पर नहीं को तो आपके शरीर में इधर- उधर ट्रैवल करने लगती है और आपको झटके महसूस होने लगते हैं। इसीलिए जरूरी है कि जब आप मेडिटेशन यानि ध्यान लगाना शुरू करते हैं तो उससे पहले अपनी श्वास को बैलेंस कर लें।

Q. क्या मेडिटेशन करने के नुकसान भी होते हैं ?

A. वैसे तो ध्यान लगाने के अनेक फायदे हैं लेकिन साइंस इसके दोनों नजरिये पेश करती है। ध्यान के आलोचकों ने इसके कई नुकसान भी बताये हैं, जिसमें से एक आलोचक जॉइनर की किताब में लिखा है कि ध्यान या मेडिटेशन लोगों को दुनिया से भगाने के लिए प्रेरित करने के अलावा कुछ नहीं है। लोग इसे अलगाव से मुक्त होने का ज़रिया मानते हैं।

Q. मेडिटेशन करने का सबसे सही समय कौन- सा होता है ?

A. मेडिटेशन करने को लेकर ऐसा कोई खास नियम या पाबंदी नहीं है। मेडिटेशन किसी भी समय किया जा सकता है। हालांकि, अगर आप सुबह जल्दी उठकर या फिर देर रात के समय ध्यान लगायेंगे तो यह किसी अन्य समय के हिसाब से उत्तम साबित होगा। दरअसल, सुबह और रात में शोर कम या फिर न के बराबर होता है।

Q. मैं एक दिन में कितनी देर तक ध्यान कर सकता हूं?

A. मेडिटेशन के शुरुआती दौर में आपको 10 से 15 मिनट तक ध्यान करने का प्रयास करना चाहिए। जब आप इस समय तक ध्यान करने के अभ्यस्त हो जाएं, तो समय को अपनी इच्छा के अनुसार आधे घंटे या एक घंटे तक बढ़ा सकते हैं।

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