वज्रासन करने का तरीका और फायदे Benefits of Vajrasana

Benefits of Vajrasana – क्या आप फिट रहना चाहते हैं ? यदि हाँ, तो आपके लिए योग बेहद ज़रूरी है। ख़ासतौर पर तब, जब अधिकतर लोग घर से ही काम कर रहे हैं। वे अधिक वर्क आउट नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि घर पर ही ऐसे योगासन किए जाएं। जो आपको फिट रखने में मदद करें।

यह बिलकुल ज़रूरी नहीं है कि आप शुरुआत में ही बहुत भारी योगासन करें। लेकिन यह ज़रूरी है कि आप जो भी करें, उसे सही तरीके से करें, तभी यह आपके लिए लाभदायक साबित होगा। ऐसे ही योगा के कई आसनों में से एक है वज्रासन।

इस आसन की ख़ास बात यह है कि यह बहुत कठिन भी नहीं होता है और कम समय में ही इसे करने से शरीर को काफी लाभ भी पहुंचता है। तो आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि वज्रासन क्या है। वज्रासन के फायदे (Benefits of Vajrasana) और वज्रासन करने का तरीका क्या है? तो आइए जानते है।

वज्रासन क्या है | What is Vajrasana

वज्रासन संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है ‘वज्र’ और ‘आसन’। जिसमें वज्र का अर्थ है शक्ति। आसन का अर्थ होता है मुद्रा जिससे इस आसन का मतलब हुआ- वह मुद्रा जो शक्ति देती है। वज्रासन को अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे थंडरबोल्ट पोज़, एडमैंटिन पोज़, डायमंड पोज़, नोजिंग पोज़ और पेल्विक पोज़।

इस आसन में आपको घुटने टेक कर बैठना होता है और कुछ मिनट तक उसी स्थिति में रहना होता है। यह जांघों, पैरों, कूल्हों, घुटनों, पीठ और टखनों पर काम करता है। इस योगासन में बैठकर प्राणायाम, कपालभाति व अनुलोम-विलोम किया जा सकता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि वज्रासन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बेहतरीन योग है।

वज्रासन करने का तरीका | How To Do The Vajrasana

वज्रासन करने की विधि जानना जरूरी है। यह विधि कुछ इस प्रकार है

  • वज्रासन करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाएं।
  • इस दौरान दोनों पैरों के अंगूठे को साथ में मिलाएं और एड़ियों को अलग रखें।
  • अब अपने नितंबों को एड़ियों पर टिकाएं।
  • फिर हथेलियां को घुटनों पर रख दें।
  • इस दौरान अपनी पीठ और सिर को सीधा रखें।
  • दोनों घुटनों को भी आपस में मिलाकर रखें।
  • अब आंखें बंद कर लें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • इस अवस्था में पांच से 10 मिनट तक बैठने की कोशिश करें।
  • अगर घुटनों पर ज्यादा दर्द हो रहा है, तो शरीर के साथ जबरदस्ती न करें। एक-दो मिनट के बाद उठ जाएं और धीरे-धीरे रोजाना इसका समय बढ़ाते रहें।

वज्रासन के फायदे | Benefits of Vajrasana

1. पाचन में सहायक

वज्रासन का एक फायदा (Benefits Of Vajrasana) यह भी हैं की यह भोजन को जल्दी पचाने में मदद करता हैं। यह एक अकेला ऐसा आसन हैं जो खाना खाने के बाद भी किया जा सकता हैं। जब कभी आपको लगे की आपने भोजन ज्यादा कर लिया हैं या भोजन करने से पेट भारी हो गया हैं,

तो आप 5-10 मिनट वज्रासन में बैठ जाए, आपका भारी पेट तुरंत हल्का होने लगेगा। इस योगासन से पाचन अंगों की वस्कुलेरिटी यानी ब्लड फ्लो बढ़ सकता है। इससे पेट के भारीपन, एसिडिटी, कब्ज, आंतों की गैस, पाइल्स की समस्या से भी राहत मिल सकती है।  

2. तनाव दूर करने में सहायक 

वज्रासन तनाव को दूर करने में भी सहायक होता हैं। वज्रासन में रहकर आप अपनी दोनों आंखें बंद कर लें, लंबी-लंबी सांस लें और अपना पूरा ध्यान अपनी सांसों पर रखें, ऐसा करने से आपका मन शांत होगा, तनाव और चिंता दूर होगी। साथ ही वज्रासन में रहकर आप प्राणायाम भी कर सकते हैं जो तनाव दूर करने में सहायक होते हैं।  

3. रक्त संचार सुधारने में सहायक

वज्रासन के फायदे में रक्त संचार भी शामिल है। दरअसल, यह योगासन पेट के हिस्से और उससे नीचे के हिस्से यानी पेल्विक भाग में ब्लड सर्कुलेट कर सकता है। इससे पेट और पेल्विक दोनों से संबंधित अंग में मजबूती आती है। इतना ही नहीं, घुटने मोड़कर जब इस योगासन के लिए बैठा जाता है, तो रक्त पैरों से लेकर हृदय तक अच्छे से  पहुंचता है।

4. मांसपेशियां मजबूत बनाने में सहायक

वज्रासन के लाभ पांव, पेट और कमर की मासंपेशियों के लिए भी हैं। वज्रासन करने से दोनों पैर की मांसपेशियों में खिचाव पड़ता हैं जिससे वे मजबूत होती हैं। शुरुआत में वज्रासन करने से पैरों में दर्द भी रह सकता हैं, इस दर्द से आप घबराए न और वज्रासन का अभ्यास करना बंद न कर दें। पैरों में दर्द का मुख्य कारण मांसपेशियों का खिंचाव होता हैं। जो पैरों के लिए फायदेमंद हैं।

5. मधुमेह में सहायक

वज्रासन के लाभ में मधुमेह को नियंत्रित करना शामिल हो सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन ) की वेबसाइट पर पब्लिश एक अध्ययन में दिया हुआ है कि वज्रासन को करने से फास्टिंग ग्लूकोज को कम किया जा सकता है।

बताया जाता है कि यह योगासन पूरे एंडोक्राइन मैकेनिज्म के साथ इंटरेक्ट करके ग्लूकोज के साथ ही इंसुलिन को बेहतर करता है। जिससे मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। योग के साथ ही मधुमेह के लिए सही डाइट और डॉक्टर द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का भी पालन करते रहें।

6. दर्द में सहायक

अगर किसी के हाथ या पैर (एक्सट्रीमिटीज) की मांसपेशियों में दर्द रहता है। तो उन्हें वज्रासन करने से राहत मिल सकती है। एक अध्ययन की मानें तो इस आसन को करने से हाथ और पैर के दर्द से राहत मिल सकती है। साथ ही यह पीठ के निचले हिस्से की समस्याओं और मांसपेशियों के दर्द से राहत दिला सकता है। रिसर्च में कहा गया है कि साइटिका के दर्द और गठिया से संबंधित घुटनों के दर्द को भी कुछ कम करने में वज्रासन मदद कर सकता है।

7. मोटापा कम करें 

पेट कम करने का सबसे अच्‍छा उपाय वज्रासन करना हो सकता है। प्रतिदिन खाना खाने के बाद वज्रासन करने से यह शरीर में पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करता है। जिससे मेटाबोलिक रेट बढ़ने लगता है और इसकी वजह से शरीर में कैलोरी तेजी से नष्ट होती है। जिससे व्यक्ति की टमी भी फ्लैट रहती है।

वज्रासन के अन्य फायदे | Other Benefits of Vajrasana

  • मूत्र रोगो के उपचार में मदद करता है।
  • यौन अंगों को मजबूत बनाये रखने में मदद करता है।
  • यह आपके मन को शांत और स्थिर रखने में मदद करता है।
  • पेट के नीचे के हिस्से में रक्त संचार को बढ़ाता है जिससे पाचन में सुधार होता है।
  • वज्रासन के अभ्यास से शरीर स्फुर्तीला बनता है।
  • सर दर्द में छुटकारा देता है।
  • एकाग्रता बढ़ने में मदद करता है।
  • वायु विकार दूर करने में उपयोगी वज्रासन 
  • शमरण शक्ति को बढ़ता है।
  • पेरो और जंगो की नसों को मजबूत करता है।
  • रोजाना वज्रासन करने से चहेरे पे चमक आती है।
  • प्रसव पीड़ा को कम करने में मदद करता है और मासिक धर्म की ऐंठन को भी कम करता है।
  • सायटिका से पीड़ित व्यक्तिओ में लाभकर हैं।

वज्रासन करते वक्त बरतें ये सावधानियां

  • यह आसन सबसे सुरक्षित आसनों में से एक है। हालांकि, इसके अभ्यास के दौरान आपको कुछ चीजों को लेकर सावधान रहना चाहिए।
  • यदि आपको घुटने से जुड़ी कोई समस्या है या हाल के दिनों में आपने घुटने की सर्जरी कराई है तो आप इस आसन को करने से बचें।
  • गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है कि अगर वह इस आसन का अभ्यास कर रही हैं तो इस समय अपने घुटनों के बीच में थोड़ा गैप रखें।
  • अपनी रीढ़ पर बहुत अधिक दबाव न डालें। आपको बैठने के लिए अपनी रीढ़ को झुकाना या इस पर अधिक प्रेशर डालने की आवश्यकता नहीं है। 
  • जितना हो सके आप स्वाभाविक रूप से सीधे बैठें और फिर धीरे-धीरे इस पर काम करें।
  • यदि आप आंतों के अल्सर, हर्निया या बड़ी या छोटी आंत से संबंधित किसी अन्य समस्या से पीड़ित हैं तो योग ट्रेनर के मार्गदर्शन में ही इस आसन का अभ्यास करें।

वज्रासन की शुरुआत करने वाले लोगों के लिए टिप्स

पहली बार वज्रासन करने वालों को कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इससे सही मायने में वज्रासन के लाभ हो सकते हैं और वज्रासन के नुकसान से बचा जा सकता है।

  • इस आसन के शुरुआत में पैरों में दर्द महसूस हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो वज्रासन से उठकर पैरों को आगे की ओर ले आएं। फिर टखनों, घुटनों और पिंडलियों की मालिश करें। ऐसा में नियमित रूप से अभ्यास करने से कुछ समय में इस आसन को 20 मिनट तक कर पाएंगे।
  • किसी तरह की समस्या है, तो इस आसन को बिना प्रशिक्षक के न करें।
  • शुरुआत में वज्रासन को 5 से 10 मिनट तक ही करना चाहिए।
  • इस आसन को करते समय मन को पूरी तरह शांत रखें।
  • अपने ध्यान को किसी एक बिंदु पर केंद्रित करें।

उम्मीद है आपको हमारा यह लेख वज्रासन करने का तरीका और फायदे (Benefits of Vajrasana) पसंद आया होगा, अगर आपको भी वज्रासन करने का तरीका और फायदे (Benefits of Vajrasana) के बारे में पता है तो आप हमे कमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताये।

और अगर आपके घर परिवार में भी कोई वज्रासन करने का तरीका और फायदे (Benefits of Vajrasana) के बारे में जानना चाहते है तो आप उन्हें भी यह लेख भेजे जिस से उन लोगो को भी वज्रासन करने का तरीका और फायदे (Benefits of Vajrasana) के बारे में पता चलेगा।

FAQs

1. वज्रासन कब करना चाहिए ?

आपको जब समय मिले आप तब वज्रासन कर सकते हैं। वज्रासन एक अकेला आसन हैं जिसे आप खाना खाने के बाद भी कर सकते हैं। खाना खाने के बाद 5 – 10 मिनट वज्रासन करने से खाना पचने में आसानी होती हैं और पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता हैं। इसके साथ ही योग की शुरुआत भी आप वज्रासन से कर सकते हैं।

2. वज्रासन कितनी देर करना चाहिए ?

अगर मन में यह सवाल है कि वज्रासन कितनी देर करना चाहिए, तो जान लीजिए कि शुरुआती अभ्यासी इसे 5 से 10 मिनट रुक-रुककर कर सकते हैं। ऐसे लोग जो इसका कई महीनों से अभ्यास कर रहें है, वो इसे 20 से 30 मिनट तक कर सकते हैं। इसके अलावा, इस आसन में निपूर्ण अभ्यासी सुप्त वज्रासन भी कर सकते हैं।

3. सुप्त वज्रासन क्या है ?

वज्रासन के एडवांस पोज को सुप्त वज्रासन कहा जाता है। इस दौरान वज्रासन की मुद्रा में बैठने के बाद पीछे की तरफ झुककर हाथों और कोहनियों को जमीन से टिकाया जाता है।

4. वज्रासन से पेट की चर्बी कम होती है ?

जी हां।

5. वज्रासन किसे नहीं करना चाहिए ?

इस आसन को ऑस्टियोअर्थराइटिस (हड्डी से संबंधित रोग) के मरीज और गर्भवती को न करने की सलाह दी जाती है और जिनके घुटनों में ज्यादा दर्द रहता हो और जिनके पांव में किसी तरह की कोई चोट लगी हो।

Leave a Comment