गिलोय के फायदे और नुकसान – Giloy Benefits in Hindi

Giloy Benefits – आज के तोर-तरीको में खुद को स्वस्थ रखना कितना ज्यादा मुश्किल हो गया है। अगर आपको लग रहा है कि खुद को स्वस्थ रखना मुश्किल है तो, ऐसा नहीं है। आधुनिक योग के खानपान और जीवन के उतार-चढ़ाव में स्वास्थ्य बिगड़ना आम बात है। लेकिन इसके बावजूद खुद को स्वस्थ रखना बहुत ही महत्वपूर्ण है।

आयुर्वेद की जड़ी-बूटियों से स्वास्थ्य को ठीक किया जा सकता है। जी हाँ ! आयुर्वेद की जड़ी-बूटियों, Giloy की सहायता से ऐसा किया जा सकता है। अगर आप Giloy Ke Fayde Aur Nuksan के बारे में जान जाये तो ऐसा संभव है। गिलोय शब्द को आपने कई बार सुना होगा,

या गिलोय की बेल को आपने अपने आस-पड़ोस में देखी होगी। लोग इसका इस्तेमाल घरों को सजाने के लिए भी करते हैं और साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त करते है। इसके इतने सारे फायदे को देखते हुए लोग इसका इस्तेमाल करते है। गिलोय के फायदे (Giloy Benefits in Hindi) के बारे में अनेको बाते सुनी होंगी,

लेकिन यह तय है कि गिलोय के बारे में इतनी जानकारी नहीं होगी, जितनी हम आपको बताने वाले है। लेकिन आर्टिकल में आगे बढ़ने से पहले हम आपको बता दें कि गिलोय कई बीमारियों में डॉक्टरी इलाज के प्रभाव को तो बढ़ा सकती है, लेकिन यह संपूर्ण उपचार नहीं हो सकता। इसलिए, बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरी परामर्श जरूरी है।

गिलोय क्‍या है – What is Giloy

गिलोय एक प्रकार की बेल है जो ज्यादातर  बाग-बगीचों, मैदानों, सड़क के किनारे, जंगल, पार्क, ,इत्यादि में पायी जाती हैं। इसमें कॉपर, कैल्शियम, जिंक, मैगनीज, एंटी-पायरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे गुण मौजूद होते हैं।

जो कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं जैसे सूजन, दर्द, पाचन संबंधित समस्या, रक्त शोधन आदि से छुटकारा दिलाता है और हमें अन्य कई प्रकार के रोगों से लड़ने की शक्ति देता है। पर कई ऐसी भी बीमारियां है जिनमें गिलोय का सेवन काफी सावधानी से करनी चाहिए। गिलोय की बेल एक ऐसी बेल होती है,

जो जिस भी वृक्ष पर चढ़ती है, उसके गुण अपने आप में ले लेती है। तभी तो माना जाता है की नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय की बेल स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया है। और इसे अमृता (अमृत के समान) के नाम से भी जाना जाता है।

गिलोय बेल ज्यादातर भारत, म्यांमार और श्रीलंका सहित उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। गिलोय को अन्य भाषाओ के नाम से जाना जाता है।

  • हिंदी में गिलोय
  • अंग्रेजी में टिनोस्पोरा
  • संस्कृत में  गुडूची
  • पंजाबी में  गिलोगुलरिच
  • मराठी में गुलवेल
  • गुजरती में गालो
  • कन्नड़ में अमृथावल्ली
  • तेलगु और तमिल में  तिप्पतीगे,शिन्दिलकोडि
  • मलयालम में अमृतु

गिलोय के फायदे – Giloy Benefits in Hindi

गिलोय के फायदे (Giloy Benefits in Hindi) बहुत सी बीमारियों के लिए उपयोग किये जाते है। इससे छोटी बीमारियों से लेकर बड़ी बीमारियां ठीक की जाती है। लेकिन कई बीमारियों में यह सेहत के लिए नुकसान भी डाल सकता है। इसलिए Giloy Ke Fayde Aur Nuksan के बारे में जानना बेहद जरूरी है। चलिए गिलोय के फायदे है।

1. आंखों के लिए फायदेमंद

गिलोय का प्रयोग आंखों की समस्या भी दूर करती है। इसके उपयोग से हमारे आंखों की रोशनी बढ़ती है जिसके वजह से हम बिना चश्मे के भी साफ देख सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसमें पाया जाने वाला इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण आंखों के लिए भी फायदेमंद प्रभाव प्रदर्शित करता है। वहीं, इस संबंध में किए गए एक अन्य रिसर्च में बताया गया है कि गिलोय के गुण आंखों से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक साबित हो सकते हैं।

2. इम्यूनिटी बढ़ाने में फायदेमंद

ऐसे कई इंसान होते है जो लगातार बीमार रहते है, इसका कारण उसकी रोग प्रतिरोधक शक्ति या Weak इम्युनिटी हो सकती है। इन समस्याओं पर हमें तुरंत ध्यान देना चाहिए। अगर समस्या से जल्दी छुटकारा नहीं पाया गया तो यह एक परेशानी वाला सबक बन सकता है। इस तरह की समस्या को दूर करने में गिलोय का जूस काफी लाभकारी होता है। गिलोय हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे हमारा शरीर जल्दी किसी भी बीमारी के चपेट में नही आता है। क्योंकि गिलोय के औषधीय गुण में से एक इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद कर सकता है।

3. अस्थमा के ईलाज में फायदेमंद

आजकल अस्थमा या दमा से पीड़ित लोग बहुत ही परेशान है और दिन प्रतिदिन इनकी संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। अगर आपको या आपके किसी परिचित को अस्थमा या दमा जैसी समस्या है तो उसे गिलोय की जड़ चबाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि गिलोय में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ श्वास संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा के लक्षणों को कम करने की भी प्रबल क्षमता मौजूद होती हैं। और गिलोय की जड़ चबाने से अस्थमा जैसी बीमारी दूर होती है इससे गले में घरघराहट, कफ , सीने का कड़ापन और सांस से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है।

4. डायबिटीज को नियंत्रित में फायदेमंद

डायबिटीज के ऐसे मरीज जिन्हें टाइप-2 डायबिटीज (Type 2-Diabetes) की समस्या है, उन्हें गिलोय के सेवन से काफी लाभ मिल सकता है। गिलोय में काफी मात्रा में हाइपोग्लाईकैमिक एजेंट पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए अक्सर डॉक्टर गिलोय के जूस का सेवन करने की सलाह देते हैं। आप भी मार्केट से गिलोय जूस को खरीदकर इसका सेवन कर सकते हैं।

5. पाचन शक्ति बढ़ाने में फायदेमंद

अगर आपको डाइजेशन से जुड़ी परेशानी है तो गिलोय के फायदे आपके काम आ सकते हैं। गिलोय का उपयोग पाचन शक्ति स्वस्थ बनाने के लिए हमेशा से किया जाता आ रहा है। ऐसा कहा जाता है कि गिलोय पाउडर को आंवला के साथ खाने से डाइजेशन से जुड़ी परेशानी से राहत मिलने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा गिलोय जूस (giloy juice benefits in hindi) का सेवन लस्सी के साथ भी कर सकते हैं। कब्ज से राहत पाने के लिए गिलोय पाउडर का सेवन गुड़ के साथ कर सकते हैं। यह एक तरह का घरेलू उपाय है।

6. क्रोनिक फीवर में फायदेमंद

10 से 15 दिन के बाद भी अगर बुखार की समस्या ठीक नहीं होती है, तो इसे क्रोनिक फीवर (पुराना बुखार) कहा जाता है। इस समस्या में गिलोय के लाभ देखे जा सकते हैं, जो बुखार से कुछ हद तक राहत दिला सकते हैं। इसके लिए आप गिलोय के तने और पत्तियों को इस्तेमाल में ला सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीपायरेटिक (बुखार को ठीक करने वाला) और एंटी-मलेरियल (मलेरिया इन्फेक्शन को दूर करने वाला) गुण बुखार की समस्या से राहत दिलाने में सहायक साबित हो सकते हैं।

7. डेंगू के बुखार में

डेंगू से बचने के घरेलू उपाय के रूप में गिलोय का सेवन आजकल बहुत प्रचलित हो गया है। डेंगू के दौरान मरीज को तेज बुखार होने लगते हैं। गिलोय में मौजूद एंटीपायरेटिक गुण बुखार को जल्दी ठीक करते हैं।।साथ ही गिलोय इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करती है, जिससे डेंगू से जल्द से जल्द आराम मिलता है।

8. ईयर वैक्स की समस्या में फायदेमंद

कई बार कान से मैल या ईयर वैक्स निकालना काफी मुश्किल प्रक्रिया हो सकती है। ऐसे में सामान्य तौर पर इस्तेमाल होने वाले ईयर बड्स भी किसी काम नहीं आते। ऐसी स्थिति में गिलोय का प्रयोग करना सही विकल्प हो सकता है। गिलोय ईयर ड्रॉप बनाने के लिए, थोड़ी सी गिलोय लेकर उसे पानी में पीस लें और गुनगुना गर्म कर लें। अब इसे ईयरड्रॉप की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। दिन में दो बार इसकी कुछ बूंदों को कान में डाला जा सकता है। इससे कान में जमा हुआ पुराना और जिद्दी मैल या ईयर वैक्स भी बाहर निकल आएगा।

9. पीलिया के ईलाज में फायदेमंद

पीलिया में गिलोय का सेवन फायदेमंद होता है। इस बीमारी में गिलोय की पत्तियों को सूखा लें और उसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण के सेवन से आपको पीलिया दूर करने में मदद मिलती है। इसके अलावा गिलोय के 20-30 पत्ते लेकर पीस लें। एक गिलास ताजी छांछ लेकर पेस्ट को उसमें मिला लें। दोनों को एक साथ छानने के बाद उसका सेवन करें।

10. गठिया की समस्या में में फायदेमंद

अगर आप वातरोगी गठिया से पीड़ित है तो आपको गिलोय का सेवन करना चाहिए। इसमें सूजन को कम करने के साथ-साथ गठिया विरोधी गुण भी होते हैं जो कि गठिया और जोड़ों में दर्द सहित इसके कई लक्षणों का इलाज़ करते हैं। गिलोय गाउट को राहत देने के लिए, अरंडी के तेल के साथ प्रयोग किया जा सकता है। गठिया के इलाज के लिए, यह घी के साथ भी प्रयोग किया जाता है। यह रुमेटी गठिया का इलाज करने के लिए अदरक के साथ प्रयोग किया जा सकता है।

11. बवासीर में फायदेमंद

बवासीर या पाइल्स बेहद दर्दनाक होते हैं और इनसे जितनी जल्दी छुटकारा मिले, उतना ही बेहतर है। गिलोय के इस्तेमाल से बनने वाली दवाएं हर प्रकार के बवासीर को ठीक कर सकती हैं। ध्यान सिर्फ इस बात का रखना है कि निर्देशों और परहेज का विशेष ध्यान दिया जाए। बवासीर की दवा बनाने के लिए, धनिया के पत्ते, गिलोय और हरड़ को एक साथ बराबर मात्रा में पीस लें। इस मिश्रण की 20 ग्राम मात्रा लेकर आधा लीटर पानी में मिलाएं और उबालें। उबल जाने के बाद थोड़े से गुड़ के साथ इसका दिन में दो बार सेवन करें।

12. यौन इच्छाओं को बढ़ाने में फायदेमंद

शारीरिक स्वास्थ्य और यौन इच्छाओं का आपस में गहरा नाता होता है, क्योंकि जब मनुष्य शारीरिक रूप से स्वस्थ्य नहीं होता है, तो उसमें यौन इच्छा बढ़ाने वाले हार्मोन्स की कमी हो जाती है। वहीं, एक शोध में पाया गया है कि गिलोय में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी यानी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का गुण मौजूद होता है। यह गुण शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता देने के साथ ऐफ्रडिजीएक (Aphrodisiac) प्रभाव के कारण यौन इच्छाओं को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।

13. खांसी कम करने में फायदेमंद

अगर कई दिनों से आपको खांसी की समस्या है जो ठीक नहीं हो रही है तो गिलोय का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। गिलोय में एंटीएलर्जिक गुण होते हैं जो खांसी से जल्दी आराम दिलाती है। खांसी दूर करने के लिए गिलोय के काढ़े का सेवन बहुत फायदेमंद माना गया है।

14. बढ़ती उम्र के प्रभाव को घटाने में फायदेमंद

कई रासायनिक तत्वों की उपलब्धता के कारण गिलोय में एंटी-एजिंग प्रभाव भी मौजूद होते हैं। इस कारण यह सेहत संबंधी कई समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ बढ़ती उम्र के प्रभाव को भी कम करने में मदद कर सकता है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि संतुलित मात्रा में गिलोय का नियमित सेवन आपको जवां बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभा सकता है।

15. एनीमिया में फायदेमंद

एनीमिया यानी शरीर में खून की कमी हो जाना। आदमियों की तुलना में महिलायें एनीमिया से ज्यादा पीड़ित होती हैं। एनीमिया से पीड़ित लोगों के लिए गिलोय का रस काफी फायदेमंद है। गिलोय के जूस का सेवन शरीर में खून की कमी को दूर करता है और इम्युनिटी क्षमता को मजबूत बनाता है।

गिलोय के पौष्टिक तत्व – Giloy Nutritional Value

जैसा कि हमने बताया कि यह एक बेल है और इसमें मौजूद रसायन ही इसके औषधीय गुणों के भंडार का कारण हैं। चलिए जानते है –

  • क्विनोन्स
  • फ्लेवेनॉइड
  • पॉलीफेनोल्स और टैनिन
  • कूमैरिन्स
  • टरपेनोइड्स और एसेंशियल ऑयल्स
  • अल्कालोइड्स
  • लैक्टिक और पॉलीपेप्टाइड
  • ग्लाइकोसाइड
  • सैपोनिंस
  • स्टेरायड्स

गिलोय का उपयोग – How to Use Giloy

गिलोय का उपयोग करने के निम्न तरीके हैं, आइए उनके बारे में जानते हैं।

  • गिलोय के तने और पत्तियों को पीसकर आप इसका जूस बना सकते हैं। इसके जूस की करीब 20 से 30 एमएल खुराक दिन में दो बार लेने की सलाह दी जाती है।
  • वहीं, काढ़े के रूप में इसका इस्तेमाल 20 एमएल तक दिन में दो बार किया जा सकता है। इसके लिए आपको इसकी जड़ और तने को उबाल कर इसका काढ़ा तैयार करना होगा।
  • वहीं, आप मटर के बीज की तरह दिखने वाले इसके दो से चार फलों को भी सेवन के लिए नियमित इस्तेमाल में ला सकते हैं।

नोट – गिलोय का उपयोग और इसकी मात्रा संबंधी जानकारी के लिए आहार विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।

गिलोय का सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए 

गिलोय शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी है। इसका सेवन बिना डॉक्टर या आयुर्वेद के वैद्य की सलाह लिए बिना नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, एक दिन में स्वस्थ मनुष्य गिलोय की 20 gm मात्रा का अधिकतम सेवन कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति गिलोय का जूस पी रहा है तो भी इसकी मात्रा 20 ml से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इससे ज्यादा सेवन करने पर गिलोय नुकसान भी कर सकती है।

गिलोय के नुकसान – Side Effects of Giloy

हर चीज का के फायदे और नुकसान दोनों होते है गिलोय के सेवन से फायदों के साथ कुछ नुकसान भी है चलिए आपको बताते हैं गिलोय के नुकसान के बारे मे भी

1. ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा

गिलोय के सेवन से शरीर की इम्युनिटी मजबूत तो होती है। लेकिन कई बार इम्युनिटी के अधिक एक्टिव हो जाती है कि इसकी वजह से ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए ऑटोइम्यून बीमारियों जैसे मल्टीप्ल स्केरेलोसिस या रुमेटाइड आर्थराइटिस आदि से पीड़ित मरीजों को गिलोय से दूर रहने की सलाह दी जाती है।

2. लो ब्लड प्रेशर

जिन लोगों को ब्लड प्रेशर रहने की टेंडेंस है, उन्हें गिलोय के सेवन से परहेज करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि गिलोय आपके ब्लड प्रेशर को कम करने का काम करती है। ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाने से व्यक्ति की स्थिति बिगड़ सकती है। इसी तरह किसी सर्जरी से पहले भी गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए। ये आपके ब्लड प्रेशर को कम करती है जिससे सर्जरी के दौरान हार्ट कोलैप्स होने का खतरा हो सकता है।

3. गर्भावस्था के दौरान

प्रेगनेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को भी गिलोय से परहेज करने की सलाह दी जाती है। हालांकि प्रेगनेंसी के दौरान गिलोय के नुकसान के कोई डायरेक्ट प्रमाण मौजूद नहीं हैं, फिर भी बिना डॉक्टर की सलाह लिए गर्भावस्था में गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।

यह तो निश्चित है कि गिलोय के गुण और उपयोगिता को लेकर अब किसी भी तरह का संशय बाकी नहीं रह गया होगा। फिर भी इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सुझाव अवश्य लें। कारण यह है कि लेख (Article) में बताई गई समस्याओं के लिए गिलोय का उपयोग करने से काफी हद तक राहत तो मिल सकती है।

लेकिन यह उन समस्याओं का उपचार नहीं है। साथ ही आपको गिलोय के नुकसान को भी ध्यान में रखना होगा, ताकि औषधि के तौर पर इसका समुचित लाभ पाया जा सके। उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख (Article) पसंद आया होगा। इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके, गिलोय के लाभ से अन्य लोगों को भी अवगत कराएं।

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