हल्दी दूध के उपयोग और नुकसान | Turmeric Milk Benefits

हल्दी दूध के उपयोग और नुकसान – भारतीय घरों में हल्दी का प्रयोग बहुत ज्यादा होता है। हल्दी के बिना दाल, सब्जी, खिचड़ी, पोहा आदि नहीं बन सकता है। हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण होते है। और दूध में कैल्शियम सहित भरपूर पोषक तत्व जो दिमाग व शरीर के लिए फ़ायदेमंद होता है।आप इसे घर पर भी बना कर पी सकते है।

दूध और हल्दी को एक साथ उबालकर या दूध उबालकर फिर हल्दी मिलाकर पी सकते है। जब दोनों को मिलाकर पीते है तो उसका फायदा आपको और भी ज्यादा मिलता है। हल्दी दूध का स्वाद हर किसी को पसंद नहीं होता, लेकिन हल्दी दूध के फायदे इतने सारे हैं कि इसे आप अनदेखा भी नहीं कर सकते।

इसलिए, कई बार न चाहते हुए भी स्वास्थ्य लाभ के लिए इसका सेवन करना पड़ता है। इस आर्टिकल में हम आपको हल्दी दूध पीने के फायदे (Turmeric Milk Benefits) के बारे में बताएंगे। कुछ फायदों से तो आप परिचित होंगे, लेकिन हल्दी दूध के फायदे कई ऐसे भी हैं, जिनसे आप अब तक अनजान हो सकते हैं।

हल्दी दूध के फायदे | Turmeric Milk Benefits

1. पाचन

यह एक शक्तिशाली एंटीसेप्टिक है जो आंतों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और पेट के अल्सर और कोलाइटिस का इलाज करता है। यह बेहतर पाचन में मदद करता है और अल्सर, दस्त और अपच को रोकता है। दरअसल, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटी इंफ्लेमेटरी गुण की तरह काम करता है, जो आंत संबंधी बीमारियों को दूर करने में शरीर की सहायता करता है।

2. हड्डी स्वास्थ्य

गाय के दूध में कैल्शियम होता है, तो हल्दी का दूध पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं। वहीं, हल्दी दूध हड्डियों और जोड़ों की देखरेख में मदद करता है। हल्दी के एंटीऑक्सीडेंट गुण हड्डियों की रक्षा करते हैं जो जोड़ों के दर्द से की समस्या से राहत दिलाते हैं। नियमित रूप से हल्दी दूध पीने से गठिया और पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण को कम किया जा सकता है। 

3. इम्यूनिटी

कभी-कभी कुछ अज्ञात और अस्पष्ट कारणों के कारण, हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली हमारी अपनी कोशिकाओं और ऊतकों के खिलाफ हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप स्केलेरोडर्मा, संधिशोथ और सोरायसिस जैसे ऑटोइम्यून विकार होते हैं। हल्दी दूध में मौजूद करक्यूमिन बतौर इम्यूनोमॉड्यूलेटरी एजेंट काम करता है।

यह टी कोशिकाओं व बी कोशिकाओं समेत शरीर में मौजूद सभी स्वस्थ कोशिकाओं को बढ़ावा देने में मदद करता है। इन सभी कोशिकाओं की मदद से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होने में मदद मिलती है। करक्यूमिन शरीर में एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को भी बढ़ावा देता है, जिसकी मदद से हमारा शरीर कई बीमारियों जैसे गठिया, कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह और अल्जाइमर से बचा रहता है।

 4. अनिद्रा

हल्दी में मौजूद अमिनो एसिड अच्छी नींद में मदद करता है। आजकल की बिज़ी लाइफ में काम जितना बड़ा है नींद के लिए उतना ही कम समय मिलने लगा है। अगर आपके साथ भी ऐसा है तो हल्दी वाला दूध पीएं। ये अच्छी नींद लाने में मदद करता है।

क्योंकि विभिन्न अध्ययनों से यह भी स्पष्ट हुआ है कि करक्यूमिन अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति में याददाश्त को भी ठीक करता है। ऐसे में जब भी आपको नींद न आए, तो आप हल्दी-दूध पिएं या हर रोज रात को सोने से पहले इसका सेवन करें।

5. कैंसर

कैंसर सबसे खतरनाक बीमारी मानी जाती है, जिससे बचाव करना बेहद जरूरी है। ऐसे में आप हल्दी-दूध का सेवन कर सकते हैं। हल्दी-दूध में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। हल्दी वाला दूध प्रोस्टेट और पेट के कैंसर के खतरे को कम कर सकता है।

या उन्हें बढ़ने से रोक सकता है। यह डीएनए को नुकसान पहुंचाने वाले कैंसर कोशिकाओं के प्रभाव को कम करता है और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करता है। इसलिए कैंसर वाले मरीज हल्दी दूध का सेवन कर सकते है।

6. इंफ्लेमेशन

हल्दी दूध में एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर को इंफ्लेमेशन से लड़ने में मदद देते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कंपाउंड इंफ्लेमेशन की वजह से होने वाले गठिया और अन्य बीमारी जैसे चर्म रोग से बचाव करते हैं। इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में ‘प्राकृतिक एस्पिरिन’ के रूप में भी जाना जाता है, जो सूजन और दर्द को ठीक कर सकता है।

7. सर्दी और खांसी

अगर आप बलदते मौसम में सर्दी-जुकाम से परेशान रहते है तो उससे बचने के लिए आपको प्रतिदिन हल्दी वाला दूध रात में पीना चाहिए। हल्दी में एंटी सेप्टिक गुण होने के कारण आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है और ये बीमारियों से लड़ने में सक्षम होती है।

यदि आपको सर्दी -जुकाम हो भी गया हो तो आप दूध में हल्दी डालकर पी सकते है इससे आपका सर्दी जुकाम जल्दी ठीक हो जायेगा और फेफड़े मे जमा कफ भी निकल जायेगा। सर्दी के मौसम में भी इसका सेवन जरूर करें जिससे ये आपके शरीर को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करें।

8. चोट या घाव लगने पर हल्दी वाला दूध कारगर

जब आपको कहीं चोट लग जाये खासकर हड्डियों में तो हल्दी वाला दूध पीना बहुत फायदेमंद होता है। ये कोई नई बात नहीं है। ये आप लोग के दादी-नानी के जमाने का चला आ रहा नुस्खा है। बचपन में जब भी हमें कही चोट लगती है या गिर जाते है।

तो बस दूध में हल्दी डालकर पीने के लिए दे दिया जाता था। ये अंदरूनी व बाहरी चोटों को जल्दी ठीक करता है क्योंकि हल्दी में एंटी सेप्टिक व एंटी बैक्टीरियल गुण के कारण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता हैं और घाव या चोट को जल्दी ठीक करता है।

9. त्वचा स्वास्थ्य

हल्दी वाले दूध पीने से त्वचा में भी निखार आता है। जी हां, क्योंकि इसमें एंटीसेप्टिक व एंटीबैक्टीरियल जैसे गुण मौजूद होते हैं जो स्किन से संबंधित सभी रोगों जैसे इन्फेक्शन, खुजली, मुंहासे आदि को आपकी त्वचा से दूर भगाते हैं और उनके बैक्टीरिया को खत्म करते हैं, जिससे आपकी स्किन चमकदार होती है।

और साथ ही आप हल्दी दूध में रुई भिगोकर चेहरे पर लगा सकते हैं, जिससे आपका चेहरा चमकता रहेगा। इसके अलावा, इसमें मौजूद करक्यूमिन (curcumin) आपको स्किन कैंसर और अन्य संक्रमण से बचाता है। साथ ही त्वचा पर बुरा प्रभाव डालने वाले बैक्टीरिया से भी लड़ने में मदद करता है।

10. शरीर की कमजोरी व थकावट दूर करे

दिन भर काम कर के शरीर में थकावट महसूस होने लगती है। या फिर बहुत लोग को बिना काम किये की शरीर में कमजोरी महसूस होती है। हाथ -पैर में दर्द की शिकायत होने लगती है उनके लिए ये हल्दी वाला दूध पीना बहुत फायदेमंद रहेगा। अगर आप को बिना मेहनत काम किये भी शरीर में थकावट या कमजोरी महसूस होती है तो प्रतिदिन रात को दूध में हल्दी डालकर गुनगुना करके जरूर पीये।

11. साँस की बीमारी

हल्दी दूध रोगाणुरोधी है और बैक्टीरिया के संक्रमण और वायरल संक्रमण से लड़ता है। यह श्वसन प्रणाली से संबंधित बीमारियों के इलाज में उपयोगी है क्योंकि मसाला आपके शरीर को गर्म करता है और फेफड़ों की भीड़ और साइनस से त्वरित राहत प्रदान करता है। अस्थमा और ब्रोंकाइटिस को ठीक करने के लिए भी यह एक प्रभावी उपाय है।

12. वजन घटाने के लिए

व्यस्त दिनचर्या, बाहर का खाना, लंबे वक्त तक कुर्सी पर बैठे रहना, व्यायाम न करना, तनाव और ऐसे ही कई कारणों की वजह से लोग मोटापे की समस्या से ग्रसित हो रहे हैं। जैसे-जैसे वजन बढ़ता है, वैसे-वैसे शरीर बीमारियों से घिरता चला जाता है। ऐसे में हल्दी दूध आपकी मदद कर सकता है।

हल्दी का दूध फैट को कम कर सकता है, जिससे आपके वजन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, हल्दी दूध में मौजूद करक्यूमिन (Curcumin) अधिक वजन वाले लोगों में वजन नियंत्रण का काम कर सकता है।

13. डिटॉक्स

ज्यादातर लोगों को तला-भूना, मसालेदार या फिर जंक फूड खाना बहुत पसंद है, जिसका सीधा असर लिवर पर पड़ता है। इसलिए, बॉडी को डिटॉक्सीफाई यानी शरीर में मौजूद विषाक्तता को हटाना जरूरी हो जाता है। ऐसे में हल्दी-दूध एक प्राकृतिक लिवर डिटॉक्सीफाई की तरह काम करता है, जिससे लिवर की कार्यप्रणाली तेज होती है। हल्दी दूध का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता हैं।

14. हल्दी दूध दिमाग की सेहत सुधारने के लिए

मनुष्य के दिमाग को सही से काम करने के लिए बीडीएनएफ सही मात्रा में चाहिए होता है। बीडीएनएफ को मस्तिष्क-व्युत्पन्न न्यूरोट्रॉफिक कारक (brain-derived neurotrophic factor) कहा जाता है। कई अध्ययन में यह कहा गया है कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में बीडीएनएफ को सुधारने की क्षमता होती है।

जिससे दिमाग को एक्टिव रहने में मदद मिलती है। हल्दी दूध के फायदे में यह फायदा भी शामिल है। इससे आपकी याद करने की क्षमता बढ़ती है और बढ़ती उम्र में भूलने की बीमारी और पागलपन के आसार कम हो जाते हैं।

15. हल्दी दूध में एंटी- इंफ्लामेट्री, एंटी- बैक्टीरियल और एंटी- वायरल की खूबी है

हल्दी के दूध के फायदे में सबसे महत्तवपूर्ण फायदा यह है कि यह एंटी- इंफ्लामेट्री, एंटी- बैक्टीरियल और एंटी- वायरल की खूबी के साथ आता है। यह खूबियां आपको हर तरह के दर्द से राहत देती हैं। भागते या खेलते समय गिर जाना, दुर्घटना या सर्जरी के दौरान ठीक होने के लिए हल्दी दूध के लाभ काम आते हैं।

जो लोग रोजाना दवाई खाते हैं, इसके साथ हल्दी दूध पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे आपके शरीर को आराम मिलता है साथ ही दर्द में भी राहत मिलती है।

हल्दी दूध के पौष्टिक तत्व | Turmeric Milk Nutritional Value

हल्दी दूध पीने के फायदे जानने के बाद आपको पता तो चल ही गया होगा कि हल्दी दूध पोषक तत्वों का खजाना है। चलिए अब जानते है कि प्रति 100ml हल्दी दूध में कितनी मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं।

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100ML
ऊर्जा33kcal
प्रोटीन0.28g
कुल फैट1.94g
कार्बोहाइड्रेट3.89g
फाइबर0.8g
शुगर3.06g
मिनरल्स
कैल्शियम6mg
आयरन100000IU
सोडियम19mg
लिपिड
फैटी एसिड, कुल सैचुरेटेड1.670g

हल्दी वाला दूध बनाने का तरीका | How to Make Turmeric Milk

अब जब आपको हल्दी दूध के उपयोग के बारे में पता चल गया है तो आप इसको पीना चाहेंगे। लेकिन हल्दी दूध बनाने के लिए आपको सबसे पहले इसकी रेसिपी का पता होना जरुरी है। इसलिए हम आपके लिए घर में आसानी से हल्दी दूध बनाने की विधि लेकर आए हैं।

हल्दी वाला दूध बनाने के लिए सामग्री
  • एक चम्मच हल्दी पाउडर
  • एक गिलास दूध
  • चुटकी भर दालचीनी पाउडर
  • चुटकी भर अदरक पाउडर
  • 1 चुटकी पिसी हुई काली मिर्च
  • स्वादानुसार शहद (वैकल्पिक)
हल्दी वाला दूध बनाने का तरीका
  • हल्दी पाउडर और अन्य पदार्थ मिलाकर दूध को लगभग 5 मिनट तक उबालें।
  • अब हल्दी दूध को छानकर एक गिलास में डाल लें।
  • अधिक लाभ के लिए हल्दी दूध को गरमा-गर्म पिएं।
  • स्वाद के लिए आप गुनगुने दूध में शहद भी मिला सकते हैं।

हल्दी दूध बनाना कितना आसान था। और इस हल्दी दूध के कई फायदे हैं, जिन्हे आप पढ़ चुके है। अब आप भी हल्दी दूध बनाइये और हल्दी दूध का सेवन करें।

हल्दी दूध का उपयोग | How to Drink Turmeric Milk

हल्दी दूध का उपयोग सीधे-सीधे करना ही फायदेमंद होता है। वैसे आप इसे सुबह नाश्ते के समय भी ले सकते हैं और रात को सोने से पहले भी इसका सेवन किया जा सकता है। हालांकि, हल्दी दूध पीने का सबसे सही समय रात में सोने से पहले ही माना जाता है।

हल्दी वाला दूध कब पीना लाभकारी होता है

हल्‍दी दूध को अगर आप सुबह लेते हैं तो यह आपको ठीक वैसे ही फायदे देता है जैसे इसे रात में पीने पर मिलते हैं। तो इस सवाल का जवाव है हां, आप हल्‍दी दूध सुबह पी सकते हैं। रात के समय हल्‍दी दूध लेने की जो सबसे बड़ी वजह है वह यह है क‍ि यह आपको सोने में भी मदद करता हैं। और क्‍योंकि दूध आपको नींद दिला सकता है इसलिए यह सुबह के समय नहीं लेते। लेक‍िन जहां तक इसके गुणों की बात है यह सुबह और शाम किसी भी समय लेने पर एक जैसे ही होते हैं।

हल्दी दूध कितना पिएं

आप रोजाना 6 ग्राम हल्दी (इसमें मौजूद करक्यूमिन) का सेवन कर सकते हैं। चार से सात हफ्ते तक इस मात्रा में हल्दी का सेवन करना सुरक्षित माना गया है। इस मात्रा में हल्दी का सेवन करने से आपके शरीर को हल्दी की वजह से किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है। जी हां, हल्दी दूध को अधिक मात्रा में लंबे समय तक लेने से शरीर को नुकसान भी हो सकता है, जिसके बारे में हम आर्टिकल के अगले हिस्से में बात करेंगे। वैसे दिनभर में कितनी हल्दी का सेवन करना चाहिए इसके लिए एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

वहीं, प्रतिदिन डेयरी उत्पादों की 3 सर्विंग्स ली जाने की सलाह दी जाती है। उदाहरण के तौर पर एक गिलास दूध, एक टुकड़ा पनीर और एक कटोरी दही। इसके सेवन से आपको पर्याप्त पोषक तत्व मिल जाएंगे। वहीं, एक दिन में महज दूध की सीमित मात्रा की बात करें, तो यह 500 ml है।

हल्दी दूध पीने के लिए टिप्स | Tips for Drinking Turmeric Milk

  • अलग स्वाद के लिए आप दालचीनी पाउडर मिला सकते हैं।
  • अगर आप बच्चों के लिए हल्दी दूध बना रहे हैं तो सिर्फ प्राकृतिक मिठास का इस्तेमाल करें जैसे कि शहद, मेपल सिरप, नारियल चीनी, ताड़ चीनी आदि। रिफाइंड चीनी का इस्तेमाल ना करें और बड़े लोग इसे बिना मीठा डाले पी सकते हैं।
  • आप हल्दी दूध को ज्यादा मात्रा में बना सकते हैं जो फ्रिज में रख सकते हैं। लेकिन इसको 4- 5 दिनों में इस्तेमाल कर लें और दोबारा इस्तेमाल करने से पहले दोबारा गर्म कर लें।
  • अगर आप दस्त या फिर पाचन शक्ति की परेशानी से राहत पाने के लिए हल्दी दूध बना रहे हैं तो लो- फैट दूध का ही इस्तेमाल करें। दूध में ज्यादा फैट होने से पाचन शक्ति की परेशानी बढ़ सकती है।
  • क्या आप शाकाहारी हैं? कोई बात नहीं। आप आसानी से सोय, बादाम, नारियल, अखरोट के दूध से हल्दी दूध बना सकते हैं। हल्दी दूध को और भी ज्यादा स्वादिष्ट बनाने के लिए अपना कोई भी अनोखा तरीका अपना सकते हैं।

हल्दी दूध के नुकसान | Side Effects of Turmeric Milk

  • हल्दी और दूध का एक साथ सेवन से कुछ लोगों को एलर्जी की शिकायत हो सकती है।
  • गर्भावस्था के दौरान आप हल्दी दूध का सेवन डॉक्टर से परामर्श लेने पर ही करें।
  • कई बार लोग हल्दी दूध का अधिक सेवन करने लगते हैं, जिसका उल्टा प्रभाव भी पड़ सकता है। इसके अधिक सेवन से सीने में जलन, अपच और दस्त हो सकते हैं।
  • हल्दी का प्रयोग खून में शुगर की मात्रा को कम करता है। जिन मधुमेह के रोगियों को एनीमिया की शिकायत रहती है, उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए।
  • कुछ दवाओं के साथ हल्दी का सेवन करने से दुष्परिणाम हो सकते हैं। अगर आप एंटीकोगुलेंट्स जैसी एस्पिरिन दवा का सेवन कर रहे हैं, तो इसे न लें। नॉन-स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी दवा को भी हल्दी के साथ नहीं लेना चाहिए। इसलिए, जब भी आप हल्दी दूध का सेवन करें, तो पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

हल्दी वाला दूध पीने के अनेक फायदे हैं, यह तो आप जान ही चुके हैं। बस अब जरूरत है तो दादी-नानी के इस अचूक नुस्खे को आजमाने की, जिसकी पुष्टि कई अध्ययनों में भी हो चुकी है।

आशा करते है कि यह आर्टिकल एक हेल्थी लाइफस्टाइल को बनाए रखने में काफी हद तक मददगार साबित होगा। अपने परिवार व दोस्तों के साथ इस आर्टिकल को जरूर शेयर करें। ताकि उन्हे भी यह जानकारी मिल सकें।

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